भारत और पाकिस्तान के बीच 23 फरवरी को होने वाला महामुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद रोमांचक होने वाला है। इस मुकाबले के प्रति फैंस की उत्तेजना दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस मैच से पहले, एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी, भारत के युवराज सिंह, पाकिस्तान के इंजमाम उल हक और भारत के नवजोत सिंह सिद्धू जैसे दिग्गज क्रिकेटर्स शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में सिद्धू ने भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले को सबसे बड़ी क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता बताया। उन्होंने इसे ‘मनोवैज्ञानिक लड़ाई’ के रूप में परिभाषित किया, जो न सिर्फ क्रिकेटर्स के लिए बल्कि लाखों-करोड़ों फैंस के लिए भी एक जंग की तरह होता है। सिद्धू के अनुसार, “भारत-पाकिस्तान मुकाबला अन्य सभी प्रतिद्वंद्विताओं पर भारी है। यह तनाव है जो भारतीयों को एकजुट करता है, और यही मानसिकता उन्हें जीत दिलाती है।”
सिद्धू ने भारत की टीम इंडिया के चयन पर भी अपनी राय दी और कहा कि भारत ने पांच स्पिनरों को टीम में शामिल किया है, जो एक रणनीतिक कदम है। उनका मानना था कि चैंपियंस ट्रॉफी जैसी बड़ी प्रतियोगिता में यह एक अहम निर्णय है, जहां एक भी मौका खोने का जोखिम नहीं लिया जा सकता। सिद्धू ने यह भी बताया कि न्यूजीलैंड के खिलाफ भी भारत को ऑफ स्पिनर की आवश्यकता होगी, क्योंकि उनकी टीम में कई बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यह एक परंपरा रही है, जैसे 1983 में मदन लाल और रोजर बिन्नी ने मैच जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। सिद्धू का कहना है कि भारत के पास अब गुणवत्ता वाले ऑलराउंडर्स हैं, जो टीम में गहराई लाते हैं और उन्हें हर मैच में एक मजबूत टीम बनाते हैं।
सिद्धू ने दुबई की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, भारत के ऑलराउंडर्स को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों की मौजूदगी भारत के लिए एक मजबूत फायदा हो सकता है, क्योंकि वहाँ की परिस्थितियां पूरी तरह से अलग होती हैं और उन्हें इन स्थितियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहना चाहिए।