सिडनी में खेले जा रहे पांचवें और आखिरी टेस्ट मैच में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही है। ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआत में ही भारत के दोनों ओपनरों को पवेलियन भेज दिया। पहले केएल राहुल आउट हुए और फिर यशस्वी जायसवाल। इसके बाद आए विराट कोहली और उनके आते ही ड्रामा शुरू हो गया। ये तो कोहली की किस्मत थी कि इस बार तीसरे अंपायर ने धैर्य के साथ फैसला लिया और वह बच गए। टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की रेस में बने रहने के लिए ये मैच जीतना जरूरी है। इसके लिए उसने इस मैच में बड़े बदलाव किए हैं। रनों के लिए जूझ रहे रोहित शर्मा इस मैच में नहीं खेल रहे हैं। उनकी जगह जसप्रीत बुमराह कप्तानी कर रहे हैं। रोहित की जगह शुभमन गिल टीम में आए हैं। ऐसे में राहुल और जायसवाल ओपनिंग करने आए थे। स्टार्क ने पहले राहुल को पवेलियन की राह दिखाई और फिर स्कॉट बोलैंड ने यशस्वी को आउट किया। पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम जश्न में डूब गई, लेकिन मैदानी अंपायरों को शक था कि गेंद शायद जमीन पर लगी है। इसलिए उन्होंने तीसरे अंपायर की मदद ली। रिप्ले में साफ दिखा कि गेंद स्मिथ के हाथों में गई और फिर फिसलती हुई हल्की सी जमीन पर लग गई और फिर स्मिथ ने इसे हवा में उछाला। तीसरे अंपायर ने ये देख कोहली को नॉट आउट दिया। ऑस्ट्रेलियाई फैंस और टीम इस फैसले से खुश नहीं थी। इस सीरीज में पहले भी अंपायरिंग पर सवाल उठे हैं। पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में केएल राहुल को जिस तरह से तीसरे अंपायर ने आउट दिया था उसे लेकर काफी विवाद हुआ था। वहीं मेलबर्न में खेले गए चौथे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में यशस्वी को तीसरे अंपायर ने आउट दिया था और इस पर सवाल उठे थे। हालांकि, इस बार तीसरे अंपायर ने धैर्य के साथ सभी एंगल देखते हुए फैसला किया और कोहली बच गए।