
भारत की स्टार शतरंज खिलाड़ी वैशाली से हाथ नहीं मिलाकर उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक याकुबोएव ने विवाद खड़ा किया था। इस घटना के चार दिन बाद अब याकुबोएव ने वैशाली और उनके भाई प्रज्ञानंद से मुलाकात की है। इतना ही नहीं, उन्होंने वैशाली को उपहार भी दिए और एक्स पर पोस्ट कर माफी भी मांगी है। दरअसल, याकुबोएव ने टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट के बाद भारत की आर वैशाली से हाथ नहीं मिलाया था, जिस पर विवाद खड़ा हो गया था। उज्बेकिस्तान के इस खिलाड़ी ने माफी मांगते हुए कहा है कि उनका इरादा किसी का अनादर करने का नहीं था और उन्होंने ‘धार्मिक कारणों’ से इस कदम पर प्रतिक्रिया नहीं दी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में वैशाली को याकुबोएव के खिलाफ चौथे दौर की प्रतियोगिता शुरू होने से पहले अपना हाथ बढ़ाते हुए देखा जा सकता है, जो इसका जवाब दिए बिना बैठ गए, जिससे भारतीय खिलाड़ी हैरान रह गईं। इसके बाद याकुबोएव को भारत की एक और स्टार खिलाड़ी दिव्या देशमुख से हाथ मिलाते देखा गया था। वीडियो वायरल होने के बाद याकुबोएव ने ‘एक्स’ पर एक लंबा पोस्ट करते हुए कहा था कि वह वैशाली और उनके भाई प्रज्ञानंद का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन वह धार्मिक कारणों से अन्य महिलाओं को नहीं छूते हैं। अब उज्बेक ग्रैंडमास्टर ने वैशाली से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उनसे फिर से माफी मांगी और उन्हें फूल और चॉकलेट उपहार में दी। मुलाकात का वीडियो भी सामने आया है। वैशाली और प्रज्ञानंद के साथ उनकी मां भी मौजूद थीं। याकुबोएव ने शतरंज बेस इंडिया द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में वैशाली और उनके भाई आर प्रज्ञानंद से माफी मांगते हुए कहा, ‘वहां जो हुआ, उसके लिए मुझे खेद है। यह हम दोनों के लिए एक अजीब स्थिति थी। मैं उस दिन हर काम जल्दी कर रहा था। यह कुछ गलतफहमी की तरह लग रहा है। मैं आप दोनों को आगे के मैचों के लिए शुभकामनाएं देना चाहता हूं। बस यही कहना चाहता हूं। मैं आपका और आपके भाई दोनों का सम्मान करता हूं। आप दोनों और सभी भारतीय शतरंज खिलाड़ियों का सम्मान करता हूं।’ वहीं, वैशाली ने कहा, ‘मैं इस चीज को समझ सकती हूं। मैंने इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया, इसलिए हमें बुरा महसूस नहीं करना पड़ा। आपने वास्तव में मुझसे माफी मांगी, इसलिए अब सबकुछ ठीक है। आपको इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।’ मुलाकात के बाद, याकुबोएव ने यह भी कहा कि उन्हें वैशाली और उनकी टीम को अपने कारणों के बारे में पहले से सूचित करना चाहिए था।