
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने हाल ही में इस बात पर अपनी चुप्पी तोड़ी है कि क्यों सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिली, और उनकी जगह स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को टीम में शामिल किया गया। भारतीय टीम ने हाल ही में अपनी 15 सदस्यीय टीम में दो बड़े बदलाव किए थे। एक ओर जहां चोटिल तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की जगह हर्षित राणा को टीम में शामिल किया गया, वहीं दूसरी ओर यशस्वी की जगह वरुण को टीम में जगह दी गई। वरुण चक्रवर्ती को टीम में शामिल करने पर कई क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों ने हैरानी जताई थी, क्योंकि वह पांचवे स्पिनर के तौर पर टीम में शामिल किए गए थे। भारतीय टीम में पहले से ही रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव और वॉशिंगटन सुंदर जैसे स्पिनर मौजूद थे, ऐसे में वरुण का चयन कुछ सवालों के घेरे में था।
गौतम गंभीर ने अब इस फैसले का खुलासा करते हुए कहा कि वरुण चक्रवर्ती को टीम में शामिल करने का मुख्य कारण यह था कि वे मध्य ओवरों में विकेट निकालने की क्षमता रखते हैं। गंभीर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को ऐसे गेंदबाज की जरूरत थी जो मध्य ओवरों में विकेट निकाल सके, और वरुण इस भूमिका के लिए उपयुक्त खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि वरुण में वह क्षमता है जो हमें मध्य ओवरों में विकेट दिला सकती है, और यह टीम के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक लाभ हो सकता है।”
इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में भारत की जीत के बाद गंभीर ने अपने बयान में यह भी कहा कि वरुण को टीम में शामिल करने का एकमात्र उद्देश्य मध्य ओवरों में एक और विकेट लेने वाले गेंदबाज को टीम में जोड़ना था, ताकि टीम के पास एक और विकल्प हो, जो गेम को पलट सके। गंभीर ने यह भी बताया कि वरुण चक्रवर्ती एक ऐसे खिलाड़ी हो सकते हैं जो अन्य टीमों के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं, खासकर उन टीमों के लिए जिन्होंने अभी तक उन्हें सही तरीके से नहीं पहचाना है। वे एक ‘एक्स फैक्टर’ साबित हो सकते हैं, जो विरोधियों को अप्रत्याशित रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
हालांकि, गंभीर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह यह नहीं कह सकते कि वरुण चक्रवर्ती को प्लेइंग-11 में जगह दी जाएगी या नहीं, क्योंकि अंतिम टीम चयन की प्रक्रिया को लेकर कई फैक्टर होते हैं। उन्होंने कहा, “हम नहीं कह सकते कि हम वरुण से शुरुआत कराएंगे, लेकिन हमें यह समझना होगा कि एक मजबूत गेंदबाजी लाइन-अप होना जरूरी है। अगर वरुण मध्य ओवरों में विकेट लेने में सफल रहते हैं, तो यह हमारे लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।”
गंभीर ने यशस्वी जायसवाल के भविष्य को लेकर भी सकारात्मक रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि यशस्वी का भविष्य बहुत उज्जवल है और उनका समय जरूर आएगा। यशस्वी को इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में खेले गए पहले वनडे मैच में अपना वनडे डेब्यू करने का मौका मिला था, जहां उन्होंने 22 गेंदों पर 15 रन बनाए थे। हालांकि, दूसरे वनडे मैच में उन्हें टीम से बाहर किया गया, क्योंकि विराट कोहली की वापसी के बाद उनकी जगह कोहली ने ले लिया था। इसके बाद वरुण चक्रवर्ती ने दूसरे वनडे में अपनी वनडे कैरियर की शुरुआत की, और उन्होंने 10 ओवर के स्पैल में 54 रन देकर एक विकेट लिया, जो एक शानदार प्रदर्शन था।
इस प्रकार, गौतम गंभीर ने वरुण चक्रवर्ती को टीम में शामिल करने के फैसले का स्पष्ट कारण बताया, जिसमें उन्होंने टीम के लिए एक और विकेट लेने वाले विकल्प को जोड़ने की जरूरत को प्रमुख बताया। साथ ही, यशस्वी जायसवाल के लिए भविष्य के दरवाजे खुलने की संभावना भी जाहिर की, और उनके उज्जवल भविष्य की उम्मीद जताई।