बंगलूरू : चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ के बाद हर तरफ चीख पुकार मची थी। अपने खिलाड़ियों की झलक पाने पहुंचे प्रशंसक आयोजकों की ओर से किए बदहाल इंतजामों को कोस रहे थे। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे देखते ही देखते जश्न का माहौल मातम में बदल गया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का आईपीएल चैंपियन बनने का सपना साकार होने के जश्न में पूरे कर्नाटक से क्रिकेट प्रेमी बंगलूरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मंगलवार रात से ही जुटने लगे थे।
बताया गया था कि सम्मान समारोह के बाद खुली बस में खिलाड़ियों की परेड निकलेगी, लेकिन कब यह अंतिम समय तक तय नहीं हुआ। आयोजकों ने परेड को लेकर फैसला अंतिम मिनट तक नहीं किया। प्रवेश के लिए पास अनिवार्य थे, जबकि हजारों लोग बिना पास के पहुंच गए थे। पास चेक करने के लिए तो कुछ लोग तैनात थे, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। वहां जमा लोगों की भीड़ की मदद के लिए कोई नहीं था। लिंगराजपुरम से पहुंचे चश्मदीद इनायत ने बताया कि जब वे गेट नंबर 3 पर पहुंचे तो वहां तिल रखने की भी जगह नहीं थी। लोग बिना पास के अंदर जाने के लिए कतारों में खड़े थे। तभी गेट हल्का सा खुला और बाहर खड़ी भीड़ ने अंदर घुसने की कोशिश की। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि तीन लड़कियों ने अंदर जाने के लिए जैसे ही दरवाजे को धक्का मारा तो वह खुल गया। पीछे से भीड़ ने उन्हें गिराया और उनको कुचलते हुए अंदर घुसने लगी।
कई लोग एक के बाद एक गिरते रहे और उनकी चीख पुकार से स्टेडियम के बाहर का हिस्सा गूंज गया। कनूर से 14 वर्षीय देव्यामशी अपनी मां, छोटी बहन और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ आरसीबी की जीत का जश्न मनाने आई थी। भगदड़ के बाद उसका शव बॉरिंग अस्पताल में रखा था। अस्पताल के बाहर बदहवास उसकी दादी ने दर्द बयां करते हुए कहा कि वहां बहुत सारे लोग थे, एक दूसरे पर चढ़कर अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे, धक्का-मुक्की कर रही भीड़ को कुछ नहीं हुआ लेकिन मैंने पोती को खो दिया। गेट नंबर 1 पर जमा भीड़ में कहीं से आवाज आई कि विराट कोहली इधर से ही आएगा। भीड़ अचानक घूमी और गेट की ओर दौड़ पड़ी। आगे गेट बंद होने के कारण लोग लड़खड़ाए और एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे। इनमें ज्यादातर युवा और महिलाएं थीं।