दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे. इन चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी दिल्ली की सत्ता हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. हालांकि, दिल्ली चुनाव के तुरंत बाद भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने की संभावना है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, 10 फरवरी से 20 फरवरी के बीच भाजपा के नए अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है. फिलहाल संगठन चुनावों की प्रक्रिया जोरों पर है. मंडल, जिला और प्रदेश स्तर पर अध्यक्ष चुने जा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषद के सदस्य भी चयनित हो रहे हैं. ये सभी सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे.
आपको बता दें कि भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी संभव है जब कम से कम 50 प्रतिशत राज्य इकाइयों में संगठन चुनाव संपन्न हो चुके हों. पार्टी नेताओं का दावा है कि यह प्रक्रिया तय समय पर पूरी कर ली जाएगी.
बता दें कि जेपी नड्डा ने फरवरी 2020 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाला था. उनका तीन साल का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए इसे बढ़ा दिया गया. बतौर अध्यक्ष, नड्डा ने पार्टी को कई अहम चुनावों में सफलता दिलाई है. अब उनका स्थान लेने वाला नया अध्यक्ष पार्टी को आगामी चुनौतियों के लिए तैयार करेगा.
दिल्ली चुनाव के बाद संगठन चुनावों की गति तेज होने की उम्मीद है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि संगठन का पूरा ध्यान प्रक्रिया को पारदर्शी और समय पर पूरा करने पर है. महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में विधानसभा चुनावों के कारण कुछ देरी हुई थी, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है.
नए अध्यक्ष का चयन भाजपा के लिए सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण कड़ी है. पार्टी की रणनीति और चुनावी अभियान का खाका नए नेतृत्व के तहत तैयार किया जाएगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा अपने अगले अध्यक्ष के रूप में किसे चुनती है और वह पार्टी को किस दिशा में ले जाएगा.
भाजपा की यह संगठनात्मक कवायद न सिर्फ नेतृत्व को मजबूत करेगी, बल्कि आने वाले वर्षों में पार्टी की चुनावी तैयारियों को भी नई धार देगी.