बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य की मौजूदा स्थिति और सरकार की कार्यशैली को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। कोलकाता रवाना होने से पहले मीडिया से बात करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर तीखा हमला किया। तेजस्वी ने राज्य की व्यवस्था को “लाठी-डंडे वाली सरकार” बताया और अफसरशाही के बढ़ते दबदबे पर सवाल उठाए। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, “मुख्यमंत्री होश में नहीं हैं और उन्हें यह भी नहीं पता कि राज्य में क्या हो रहा है।” तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सरकार जनता की आवाज सुनने के बजाय उसे दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सरकार ने उन लोगों के साथ अन्याय किया है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फॉर्म भरने से वंचित रह गए। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री से अपील की कि जो छात्र फॉर्म नहीं भर सके हैं, उन्हें एक और मौका दिया जाए। उनका कहना था कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह युवाओं की समस्याओं को गंभीरता से ले। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) हमेशा से जनता और नौजवानों की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह बिहार के युवाओं के साथ हो रहे अन्याय को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस मुद्दे पर सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार में अफसरशाही का बोलबाला है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे नियंत्रित करने में विफल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जनता के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय केवल राजनीतिक समीकरण साधने में लगे हैं। तेजस्वी यादव ने बिहार के युवाओं और जनता से अपील की कि वे अपनी आवाज बुलंद करें और इस सरकार की कार्यशैली को बदलने के लिए संघर्ष करें। उन्होंने यह वादा किया कि उनकी पार्टी जनता के अधिकारों और युवाओं के भविष्य के लिए हमेशा खड़ी रहेगी।तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।