
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर इतिहास रचने जा रही हैं. 1 फरवरी 2025 को वह अपना लगातार आठवां केंद्रीय बजट पेश करेंगी, जो अपने आप में एक अनूठी उपलब्धि है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अर्थव्यवस्था और वित्त पर उनकी पकड़ इतनी मजबूत क्यों है? आइए, उनके शैक्षणिक सफर और करियर पर एक नजर डालते हैं.
शिक्षा और शुरुआती जीवन
निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को हुआ था. उनकी स्कूली शिक्षा तमिलनाडु के विल्लुपुरम, चेन्नई और तिरुचिरापल्ली में हुई. उन्होंने सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया और फिर भारत के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री और एम.फिल प्राप्त किया.

अंतरराष्ट्रीय करियर से भारतीय राजनीति तक
सीतारमण ने अपने करियर की शुरुआत लंदन में एग्रीकल्चर इंजीनियर्स एसोसिएशन में बतौर सहायक अर्थशास्त्री की थी. इसके बाद उन्होंने प्राइस वाटरहाउस में वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में और बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में भी काम किया. भारत लौटने के बाद, वह हैदराबाद में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी स्टडीज में उप निदेशक बनीं और शिक्षा क्षेत्र में भी योगदान दिया.
भाजपा से सफर और ऐतिहासिक बजट पेशकश
वर्ष 2008 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुईं और तेज़ी से पार्टी में शीर्ष पदों तक पहुंचीं. 2010 में भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता बनीं और 2014 में केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनीं. उन्होंने वाणिज्य राज्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं.
अब तक के सफर में निर्मला सीतारमण ने कई ऐतिहासिक बजट पेश किए हैं और इस बार भी सभी की नजरें उनके बजट पर टिकी हैं. क्या वह आम जनता और उद्योग जगत की उम्मीदों पर खरी उतरेंगी? यह तो आने वाला समय ही बताएगा!