बिहार विधानसभा उपचुनाव में एनडीए ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए चारों सीटों पर जीत हासिल की। महागठबंधन को हर सीट पर करारी हार का सामना करना पड़ा। इमामगंज, तरारी, बेलागंज और रामगढ़ की सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों ने महागठबंधन के उम्मीदवारों को पीछे छोड़ते हुए एकतरफा बढ़त बनाई। गया जिले की इमामगंज सीट पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी ने आरजेडी के रौशन मांझी को 5945 वोटों के अंतर से हराया। भोजपुर जिले की तरारी सीट पर बीजेपी ने पहली बार जीत दर्ज की। बाहुबली नेता सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत ने भाकपा-माले के राजू यादव को 10,612 वोटों से हराकर सीट पर कब्जा किया। आरजेडी का तीन दशक पुराना गढ़ बेलागंज में ढह गया। जेडीयू की मनोरमा देवी ने आरजेडी नेता सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वजीत सिंह को हराया।रामगढ़ सीट पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह ने बसपा के सतीश यादव को 1362 वोटों के अंतर से हराकर सीट पर कब्जा किया। रामगढ़ सीट पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह ने बसपा के सतीश यादव को 1362 वोटों के अंतर से हराकर सीट पर कब्जा किया। महागठबंधन को इन चारों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इमामगंज और तरारी में जन सुराज ने तीसरे स्थान पर रहते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं, नोटा (NOTA) ने भी दिलचस्प भूमिका निभाई। तरारी में 3261 मत नोटा के खाते में गए। एनडीए की इस जीत ने साफ कर दिया है कि बिहार की राजनीति में महागठबंधन को रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। वहीं, एनडीए की पकड़ और मजबूत होती नजर आ रही है। इन नतीजों का असर राज्य की राजनीतिक भविष्यवाणी पर भी पड़ सकता है।