नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में अभ्यर्थियों की समस्याओं को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर अभ्यर्थियों की मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो वे आंदोलनकारियों के साथ खड़े होकर उनकी लड़ाई लड़ेंगे। तेजस्वी यादव ने NDA सरकार पर छात्रों के भविष्य और सपनों के साथ खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि परीक्षा से जुड़ी सभी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए। इसके आगे तेजस्वी यादव ने कहा है कि मैं बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में अभ्यर्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए यह पत्र लिख रहा हूँ। आयोग के सर्वर की खामी के कारण फॉर्म भरने की आखिरी तारीख से 2-3 दिन पूर्व में सर्वर के ठीक से कार्य नहीं करने के कारण लाखों अभ्यर्थी फॉर्म भरने से वंचित रह गये थे जो कि उनके भविष्य और सतत् परिश्रम के लिए एक आघात है। स्वयं अपनी ही विफलता के लिए आयोग द्वारा फॉर्म भरने में असमर्थ रहे अभ्यर्थियों को ही उल्टे अगंभीर ठहरा देना अफसरशाही के अहंकार और तानाशाही को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा,अभ्यर्थियों और अभिभावकों को अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि आयोग सामान्यीकरण या नॉर्मलाजेशन लागू करेगा या नहीं। फॉर्म भरवा लेने के बाद भी अभ्यर्थियों को अभी तक पूरी परीक्षा पद्धति की जानकारी नहीं है, जो उनके लिए अन्यायपूर्ण है।
तेजस्वी यादव ने कहा है कि इन्हीं बातो को सबको देखते हुए, मैं समस्त अभ्यर्थियों के हित में आपके समक्ष निम्नलिखित माँगे रखता हूं। जिसमें सबसे पहले परीक्षा फॉर्म भरने के लिए अभ्यर्थियों को 5 अतिरिक्त दिन दिए जाएं, ताकि आयोग की नाकामी अथवा सर्वर की खामी के कारण जो अभ्यर्थी फॉर्म नहीं भर सकें, वे फॉर्म भर पाएं। आयोग 70वीं BPSC की प्रारंभिक परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाए, ताकि अभ्यर्थियों को पर्याप्त समय मिल सके। नॉर्मलाइजेशन पर अपनी नीति स्पष्ट की जाए। उचित होगा कि सामान्यीकरण की विवादित और अन्यापूर्ण प्रक्रिया से बचा जाए। हमारी माँग है कि परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट, एक पेपर, एक पैटर्न में बिना पेपर लीक हो। मैं आशा करता हूँ कि आप इन माँगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगें और अभ्यर्थियों की समस्याओं का समाधान करेंगें। तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इन मांगों पर त्वरित विचार नहीं किया गया, तो वे आंदोलनकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने NDA सरकार पर छात्रों के भविष्य और सपनों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और इसे तत्काल बंद करने की मांग की।