हेमंत सोरेन सरकार झारखंड में तेज़ी से काम कर रही है, जबकि भाजपा अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। छठी विधानसभा के पहले सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हो चुका है। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष का पद अब भी खाली है। भाजपा विधायक दल के नेता के चयन में देरी हो रही है। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि यह प्रक्रिया जल्द पूरी होगी। पिछली विधानसभा में भी लंबे समय तक नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था। भाजपा के कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर है। कांग्रेस के भीतर भी यही स्थिति बनी हुई है। चार मंत्रियों के चयन के बावजूद विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं हुई है। माना जा रहा है कि पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। झारखंड की राजनीति में जहां सरकार तेजी से फैसले ले रही है, वहीं विपक्ष में नेतृत्व का अभाव साफ नजर आ रहा है।