
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार सुबह छापा मारा। ईडी की टीम ने भिलाई स्थित उनके निवास के अलावा उनके बेटे चैतन्य बघेल के घर पर भी छापेमारी की है। इसके अलावा ईडी ने छत्तीसगढ़ में 14 अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई की है। यह छापेमारी कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत की जा रही है। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। ईडी ने इस मामले में पहले भी कई स्थानों पर छापेमारी कर साक्ष्य एकत्र किए थे। इस कथित घोटाले में राज्य में शराब कारोबार से जुड़े कुछ अधिकारियों, व्यवसायियों और राजनीतिक हस्तियों के शामिल होने का आरोप है।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी को संदेह है कि इस मामले में अवैध रूप से अर्जित धन को छिपाने और सफेद करने के लिए कई माध्यमों का इस्तेमाल किया गया है। इस सिलसिले में ईडी पहले ही कई दस्तावेज और डिजिटल सबूत जुटा चुकी है। सोमवार की कार्रवाई उसी जांच का हिस्सा मानी जा रही है। जैसे ही भूपेश बघेल के घर छापेमारी की खबर फैली, बड़ी संख्या में उनके समर्थक उनके निवास के बाहर इकट्ठा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दिया। भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“सात वर्षों से चले आ रहे इस झूठे मामले को जब अदालत ने खारिज कर दिया, तो अब ईडी ने मेरे निवास पर छापा मारा है। यदि इस षड्यंत्र के जरिए कोई कांग्रेस को रोकने की कोशिश कर रहा है, तो यह उनकी गलतफहमी है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि यह छापेमारी आगामी चुनावों को प्रभावित करने और राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की जा रही है। बघेल ने दावा किया कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “यह छापेमारी बीजेपी की घबराहट को दर्शाती है। जब उन्हें जनसमर्थन नहीं मिलता, तो वे इस तरह की साजिशों का सहारा लेते हैं।”
ईडी का कहना है कि वह अपनी जांच के तहत कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही है और जिन ठिकानों पर छापेमारी की गई है, वहां से मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिलने की संभावना है। एजेंसी ने यह भी बताया कि मामले से जुड़े दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की जांच जारी है। इस छापेमारी के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दी है, जबकि भाजपा ने इसे कानून के तहत उठाया गया कदम बताया है।