कांग्रेस ने सोमवार को यूएसएआईडी फंडिंग से संबंधित चल रहे विवाद में केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट को लेकर भाजपा पर हमला किया है। कांग्रेस ने दावा किया कि वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट ने भाजपा के आरोपों को पूरी तरह से झूठा साबित कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी एजेंसी यूएसएआईडी भारत सरकार के साथ मिलकर सात परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिनका मतदाता मतदान प्रतिशत से कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के झूठ को पूरी तरह से उजागर किया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यूएसएआईडी की परियोजनाएं भारत सरकार के साथ साझेदारी में चल रही हैं और इनका मतदान प्रतिशत बढ़ाने से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने आगे कहा, “भा.ज.पा. का झूठ अब सामने आ गया है।” वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएसएआईडी के तहत कुल 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 6,200 करोड़ रुपये) की राशि सात परियोजनाओं के लिए आवंटित की गई है। इनमें से किसी भी परियोजना का मतदाता मतदान प्रतिशत बढ़ाने से कोई संबंध नहीं है, जैसा कि भाजपा ने आरोपित किया था। मंत्रालय ने बताया कि इन परियोजनाओं के तहत 97 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 825 करोड़ रुपये) का दायित्व 2023-24 में निर्धारित किया गया है। इससे पहले, एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) ने दावा किया था कि उसने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए दिए गए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान रद्द कर दिया था। इसके बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी यह दावा किया था कि उनके प्रशासन के तहत यूएसएआईडी ने भारत को 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान दिया था। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह जानकारी चिंताजनक है और भारत सरकार इस मामले पर ध्यान दे रही है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए यह कहा कि भाजपा ने हमेशा विपक्ष पर विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए हैं, जबकि अब खुद उनकी पार्टी के झूठ का पर्दाफाश हो चुका है। पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले में सही तथ्य सामने आ चुके हैं और भाजपा को अपनी गलतियों का सामना करना पड़ेगा।