रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया है। सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने 3 फरवरी 2025 को संसद में अपने भाषण में भारत-चीन सीमा पर स्थिति को लेकर सेना प्रमुख के बयान के बारे में झूठे आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए बताया कि सेना प्रमुख ने अपनी टिप्पणी में केवल दोनों देशों के बीच पारंपरिक गश्त में होने वाले व्यवधान का उल्लेख किया था, न कि किसी तरह की सीमा उल्लंघन या घुसपैठ के बारे में। रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि हाल ही में हुई सैन्य वापसी के हिस्से के रूप में इन पारंपरिक प्रथाओं को फिर से बहाल किया गया है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा सेना प्रमुख के लिए कहे गए शब्द कभी भी सेना प्रमुख की तरफ से नहीं कहे गए थे। उन्होंने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुत खेद की बात है कि वह राष्ट्रीय हित के मामलों पर गैरजिम्मेदार राजनीति में लिप्त हैं। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि यदि कोई भारतीय क्षेत्र है जहां चीन ने घुसपैठ की है, तो वह 1962 के युद्ध के बाद अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किमी और 1963 में पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से चीन को सौंपे गए 5,180 वर्ग किमी क्षेत्र हैं। उन्होंने राहुल गांधी को यह सलाह दी कि वह हमारे इतिहास के इस महत्वपूर्ण चरण पर आत्मनिरीक्षण करने पर विचार करें।
राहुल गांधी ने हाल ही में चीन के सीमा पर आक्रामक रुख को लेकर सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने संसद में यह भी कहा था कि “चीन की सीमा पर आक्रामकता को लेकर सैन्य अधिकारियों के बयानों में अंतर है। चीन ने हमारी सीमा में घुसपैठ की है, इस बात से प्रधानमंत्री इनकार कर रहे हैं, लेकिन सेना ने पीएम के बयान से असहमति जताई है।”
राजनाथ सिंह के इस बयान ने न केवल राहुल गांधी की टिप्पणियों को खारिज किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि सरकार चीन के खिलाफ मजबूत और स्पष्ट दृष्टिकोण रखती है। सिंह ने राहुल गांधी के आरोपों को निराधार बताते हुए इस पूरे विवाद को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।