भारतीय-अमेरिकी एआई रिसर्चर और व्हिसलब्लोअर सुचिर बालाजी, जिन्होंने चैटजीपीटी के विकास में अहम भूमिका निभाई थी, 26 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को स्थित अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए। इस घटना को आत्महत्या माना जा रहा है, लेकिन उनकी असमय मौत ने तकनीकी जगत में हलचल मचा दी है।हज 26 साल के सुचिर बालाजी ने चार साल तक ओपनएआई में काम किया और चैटजीपीटी जैसे अत्याधुनिक एआई मॉडल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एआई के क्षेत्र में उनका नाम तेजी से उभर रहा था। लेकिन, कंपनी छोड़ने के बाद उन्होंने ओपनएआई के काम करने के तरीकों पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि कंपनी ने एआई मॉडल को ट्रेन करने के लिए बिना अनुमति पत्रकारों, लेखकों और प्रोग्रामरों की कॉपीराइटेड सामग्री का उपयोग किया।ओपनएआई से बाहर आने के बाद, बालाजी एक मजबूत व्हिसलब्लोअर के रूप में उभरे। उन्होंने कंपनी की कार्यप्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल उठाए और कहा कि बिना अनुमति सामग्री का उपयोग एआई तकनीक को अविश्वसनीय और खतरनाक बना सकता है।हालांकि इसे आत्महत्या बताया जा रहा है, लेकिन कई लोग इसे संदिग्ध मान रहे हैं। जिस समय उनकी मृत्यु हुई, उस समय वह ओपनएआई के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों में अहम भूमिका निभाने वाले थे। उनकी असमय मृत्यु ने इन विवादों को और भी जटिल बना दिया है।यह घटना एआई तकनीक के विकास में नैतिकता की आवश्यकता और व्हिसलब्लोअर्स की सुरक्षा के मुद्दे को और अधिक प्रासंगिक बनाती है। बालाजी के योगदान और उनकी चिंताओं ने यह सुनिश्चित किया है कि एआई के भविष्य पर चल रही बहस लंबे समय तक जारी रहेगी।