वक्फ संपत्तियों के कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसी समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से प्रस्तुत वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट आज संसद में पेश की जाएगी। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई में तैयार की गई इस रिपोर्ट को संसद में प्रस्तुत करने का कार्य मंगलवार को किया जाएगा। रिपोर्ट पेश करने के दौरान सांसद जगदंबिका पाल और संजय जायसवाल, समिति के समक्ष दिए गए साक्ष्यों का रिकॉर्ड भी प्रस्तुत करेंगे। इससे पहले, जगदंबिका पाल ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और रिपोर्ट को अंतिम रूप से प्रस्तुत करने के लिए उन्हें सूचित किया।
जेपीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस विधेयक में पहली बार यह सुनिश्चित किया गया है कि वक्फ संपत्तियों का लाभ हाशिए पर पड़े लोगों, गरीबों, महिलाओं और अनाथों तक पहुंचे। इस विधेयक के तहत, 44 खंडों में से 14 खंडों में संशोधन प्रस्तावित किया गया था, जिन्हें बहुमत से स्वीकार कर लिया गया। इन संशोधनों में वक्फ संपत्तियों की निगरानी और उनके प्रयोग की प्रक्रिया में सुधार पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, इस रिपोर्ट में विशेष रूप से डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, पारदर्शिता, और अवैध रूप से कब्जे वाली वक्फ संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र का गठन किया गया है।
रिपोर्ट में हुए संशोधनों को लेकर विपक्षी नेताओं ने अपनी असहमति जताई है। खासकर, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि उनके असहमति नोट के कुछ हिस्सों को बिना उनकी जानकारी के हटा दिया गया था। ओवैसी का कहना था कि यह न केवल चौंकाने वाला था, बल्कि यह भी कि हटाए गए हिस्सों में कोई विवादास्पद बात नहीं थी, बल्कि उनमें सिर्फ तथ्यात्मक जानकारी थी। ओवैसी ने यह आरोप भी लगाया कि जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने विपक्ष की आवाज को दबाया है और उन्हें ‘वह रिपोर्ट मिल गई है जो वे चाहते थे’।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों से जुड़ी पुरानी समस्याओं को दूर करना है, जिन्हें वक्फ अधिनियम 1995 के लागू होने के बाद भी पर्याप्त ध्यान नहीं मिल सका था। अब, इस विधेयक के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार को रोकने, और अवैध कब्जों को हटाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत वक्फ संपत्तियों की निगरानी में डिजिटलीकरण का कदम उठाया जाएगा, ताकि उनकी स्थिति का पता आसानी से चल सके और उनका सही तरीके से उपयोग किया जा सके।
विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना है, ताकि उनका लाभ गरीबों, जरूरतमंदों और समाज के हाशिए पर पड़े लोगों तक पहुंचे। इस बदलाव के बाद वक्फ संपत्तियों का अधिक प्रभावी और पारदर्शी तरीके से उपयोग किया जा सकेगा, और भविष्य में उनके गलत उपयोग और अतिक्रमण की संभावना कम हो सकेगी।
जेपीसी रिपोर्ट के संसद में पेश होने के बाद वक्फ विधेयक 2024 पर चर्चा शुरू हो सकती है, जिससे इस मुद्दे पर व्यापक बहस और राजनीति भी तेज हो सकती है। विपक्षी दलों की असहमति और इसके समर्थन में उठ रहे तर्कों के बीच यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में अहम मोड़ पर पहुंचेगा। अब देखना यह होगा कि इस विधेयक पर अंतिम निर्णय क्या होता है और यह कितना सफल साबित होता है वक्फ संपत्तियों के सुधार के लिए।