मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 को लेकर फैल रही अफवाहों पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ किसी सरकार का आयोजन नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का पर्व है, और इस पर राजनीति करना करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का अपमान है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब तक 56 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं और संगम का जल पूरी तरह स्वच्छ व स्नान योग्य है। विपक्ष महाकुंभ में मानव मल होने का दुष्प्रचार कर रहा है, जो सरासर झूठ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता शुरू से ही महाकुंभ का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव स्वयं चुपचाप स्नान कर आए, जबकि उनकी पार्टी इसका विरोध कर रही थी। उन्होंने ममता बनर्जी के “मृत्युकुंभ” कहने और लालू प्रसाद यादव के इसे “फालतू” बताने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “अगर सनातन संस्कृति का पालन करना अपराध है, तो हम यह अपराध हजार बार करेंगे सदन की कार्यवाही के दौरान सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने संसदीय कार्यों में उर्दू को शामिल करने की मांग की, जिसका मुख्यमंत्री ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि सपा नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन जनता को उर्दू पढ़ाना चाहते हैं। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया कि सदन की भाषा हिंदी ही रहेगी, लेकिन अवधी, ब्रज, बुंदेली और भोजपुरी में भी सदस्य अपनी बात रख सकते हैं। सदन में बिजली के निजीकरण का मुद्दा भी उठा, जिस पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बिजली विभाग 1.42 लाख करोड़ रुपये के घाटे में था, जिसे सुधारने के लिए सरकार कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि निजीकरण से बिजली महंगी नहीं होगी और कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यूपी का बजट जनकल्याणकारी होगा और गरीब एवं मध्यम वर्ग के हितों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ढांचागत विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया कि सदन की भाषा हिंदी ही रहेगी, लेकिन अवधी, ब्रज, बुंदेली और भोजपुरी में भी सदस्य अपनी बात रख सकते हैं।