Home राजनिति आतंवाद एक कैंसर, पाकिस्तान का जिक्र कर एस जयशंकर ने सुनाईं खरी-खोटी

आतंवाद एक कैंसर, पाकिस्तान का जिक्र कर एस जयशंकर ने सुनाईं खरी-खोटी

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Terrorism is a cancer, S Jaishankar scolded by mentioning Pakistan

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार (18 जनवरी) को आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकवाद का कैंसर अब उसकी अपनी राजनीतिक व्यवस्था को तबाह कर रहा है. मुंबई में आयोजित नानी पालकीवाला स्मृति व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के कारण पाकिस्तान आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ चुका है.

जयशंकर ने कहा, “सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के मामले में पाकिस्तान अब अपने पड़ोस में अलग-थलग हो चुका है. आतंकवाद का यह कैंसर उसकी राजनीतिक व्यवस्था को खा रहा है.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरे दक्षिण एशिया का साझा हित है कि पाकिस्तान अपनी आतंकवाद समर्थक नीति को छोड़ दे.

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विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति के कारण दुनिया के कई देश उसके साथ ऐतिहासिक संबंधों को दोबारा से ठीक करने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने कहा, “भारत के साथ कई देशों के संबंध मजबूत हो रहे हैं. खाड़ी देशों और दक्षिण-पूर्व एशिया ने इसमें विशेष रुचि दिखाई है.”

एस. जयशंकर ने भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति की चर्चा करते हुए कहा कि 30 साल पहले सिंगापुर ने इस नीति की शुरुआत में नेतृत्व किया था. उन्होंने कहा कि “आज, यह नीति न केवल भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच संबंधों को बढ़ावा दे रही है, बल्कि खाड़ी देशों ने भी भारत के विकास में तेजी से निवेश करने की पहल की है.”

चीन के साथ भारत के संबंधों पर उन्होंने कहा, “2020 के बाद की सीमा स्थिति से उत्पन्न मुश्किलों ने भारत-चीन संबंधों पर गहरा असर डाला है. इन संबंधों के दीर्घकालिक विकास के लिए अधिक रणनीतिक सोच की जरूरत है.”

जयशंकर ने खाड़ी देशों के साथ भारत के गहरे संबंधों का उल्लेख करते हुए बताया कि वहां भारत का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है. उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र अब भारत में तेजी से निवेश कर रहा है और सहयोगी उपक्रमों में भाग ले रहा है.”

विदेश मंत्री के इस बयान ने एक बार फिर भारत की विदेश नीति के स्पष्ट और संतुलित दृष्टिकोण को रेखांकित किया. 19 जनवरी के अपडेट के अनुसार, उनकी टिप्पणी भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर प्रभावी संवाद को रेखांकित करती है.

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