सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की उस टिप्पणी पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि केवल छाती पकड़ना या पायजामा का नाड़ा खींचना दुष्कर्म का प्रयास नहीं है। कोर्ट ने इसे असंवेदनशील और अमानवीय बताया और केंद्र, यूपी सरकार से जवाब तलब किया। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस विवादास्पद फैसले पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें नाबालिग लड़की के निजी अंगों को पकड़ने और पायजामा का नाड़ा खींचने को दुष्कर्म का प्रयास नहीं माना गया था। कोर्ट ने इस पर केंद्र और यूपी सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की विवादास्पद टिप्पणी पर रोक लगा दी है, जिसमें नाबालिग के साथ यौन अपराध को दुष्कर्म का प्रयास नहीं माना गया था। कोर्ट ने इसे अमानवीय दृष्टिकोण करार देते हुए केंद्र और यूपी सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की उस टिप्पणी पर रोक लगाई है, जिसमें नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ को दुष्कर्म का प्रयास नहीं माना गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवेदनशील और अमानवीय बताया और संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाई है, जिसमें नाबालिग के साथ यौन हमले को दुष्कर्म नहीं माना गया था। कोर्ट ने इसे गंभीर असंवेदनशीलता बताया और केंद्र, यूपी सरकार से जवाब मांगा।