राजधानी लखनऊ में सोमवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने भाजपा सरकार के पक्ष में एक तगड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि “सपा सरकार में कसाई को देखकर गाय कांपती थी, लेकिन अब भाजपा सरकार में कसाई गाय को देखकर कांपता है।” मंत्री ने प्रदेश में छुट्टा पशुओं की समस्या पर भी अपनी बात रखी और कहा कि अब कोई छुट्टा पशु नहीं है, बल्कि छोड़े गए पशु हैं। साथ ही गो-आश्रय स्थलों के प्रबंधन के लिए माइक्रो मैनेजमेंट के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और हालिया बजट में 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की गई है।
मंत्री के इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। सपा सदस्य संग्राम सिंह यादव ने मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि वह अधिकारियों के चक्कर में फंसकर जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “वह खुद भ्रमण कर लें, गो-आश्रय स्थलों पर इंतजाम बहुत कम हैं और पशुओं के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है।” साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से बजट बढ़ाने की मांग की, जिसका समर्थन उन्होंने किया।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी मंत्री के बयान पर सवाल उठाए और कहा कि “पशुओं के साथ दुर्घटना में घायल लोग कुछ दिन बाद मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं।” उन्होंने राज्य सरकार से उन घायलों को भी आर्थिक सहायता देने की अपील की।
सपा सदस्य अनिल प्रधान ने भी छुट्टा पशुओं द्वारा फसलों के नुकसान को लेकर सवाल उठाया, लेकिन मंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा कि “फसलों का नुकसान होने की कोई शिकायत नहीं है” और प्रदेश सरकार गोवंश के संरक्षण पर रोजाना 7.50 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
विधानसभा में महिला कल्याण और बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्या ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के वेतन और सुविधाओं पर सवाल उठाए जाने का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को बीमा योजनाओं से आच्छादित किया गया है, लेकिन राज्य सरकार उनके वेतन और अन्य सुविधाओं पर अभी विचार नहीं कर रही है।
इसके अलावा, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने मिठाइयों में मिलावट रोकने के लिए सरकार के निरंतर अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में कुल 4344 नमूने लिए गए, जिनमें से 1201 नमूने अधोमानक पाए गए, और 150 मामलों में कार्रवाई की गई।
सदन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने करनैलगंज के पूर्व विधायक कुंवरि बृज सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। इस दौरान, अन्य दो पूर्व विधायकों, रफाकत हुसैन और गजाधर सिंह के निधन की सूचना न देने पर सदस्यों ने नाराजगी जताई। विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों से कार्रवाई करने को कहा।