भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर के तहत जिस सटीकता के साथ पहले आतंकी ठिकानों और फिर पाकिस्तान के एयरबेसों को निशाना बनाया गया, उसकी तस्दीक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से लेकर मीडिया समूह तक करने में जुटे हैं। सबूतों के इस भारी दबाव में खुद पाकिस्तान भी दबा नजर आ रहा है। शुरुआती दौर में भले ही उसने अपने सैन्य नुकसान की बात छिपाई हो, लेकिन अपनी कुछ हरकतों और कबूलनामे से एक के बाद एक उसकी क्षति सामने आ रही है। पाकिस्तान ने भले ही अपनी हानि को छिपाने के लिए भारत के बेसेज में तबाही की झूठी खबरें फैलाई हों, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों ने पूरे घटनाक्रम की पोल खोल कर रख दी। इस बीच यह जानना अहम है कि आखिर पाकिस्तान को कितने नुकसानों की बात सामने आ चुकी है? कैसे एक के बाद एक पाकिस्तान सरकार, उसकी सेना और नागरिकों ने तबाही को लेकर खुद खुलासे किए हैं? भारत को लेकर उसने खुद कौन से दावों को झूठा करार दिया? इसके अलावा कैसे पाकिस्तान के मंत्री ने खुद आतंकवाद को पनाहगाह होना कबूल किया? पाकिस्तान लगातार कह रहा है कि भारत की सैन्य कार्रवाई से उसके सैन्य ठिकानों और वायु रक्षा प्रणालियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। भारत लगातार पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश कर रहा है। अब पाकिस्तान के ही पूर्व एयर मार्शल ने कबूल किया है कि भारत की ब्रह्मोस मिसाइल ने उनके देश में तबाही मचाई। एक टीवी इंटरव्यू में पाकिस्तान के पूर्व एयर मार्शल मसूद अख्तर ने कहा कि 10 मई को भारतीय सेना ने लगातार चार ब्रह्मोस मिसाइलें दागीं।
ये सतह से सतह पर थीं या हवा से सतह पर मुझे इसकी जानकारी नहीं है। हमारे पायलट अपने जहाजों को सुरक्षित करने के लिए दौड़े। पहली, फिर दूसरी, तीसरी एक के बाद एक मिसाइलें आती रहीं। चौथी मिसाइल भोलारी एयरबेस के हैंगर से टकराई और AWACS क्षतिग्रस्त हो गया। भारत के इस हमले में पाकिस्तानी वायुसेना के छह कर्मचारी मारे गए थे। पाकिस्तान लगातार अपने सैन्य ठिकानों को निशाना बनाए जाने की बात को नकारता रहा है। अब पाकिस्तान के पूर्व अधिकारी ने इस बात को स्वीकार किया है। हमले में एयरबेस को नुकसान पहुंचा है और कुछ लोगों की जान भी गई है। पूर्व एयर मार्शल मसूद अख्तर का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। गौरतलब है कि जिस भोलारी एयरबेस को भारत की तरफ से निशाना बनाया गया, वह पाकिस्तान के सबसे नए एयरबेसों में से है। पाकिस्तान ने यहां 2020 में चीन के साथ हवाई ड्रिल में हिस्सा लिया था। इसे पाकिस्तान का सबसे आधुनिक एयरबेस भी कहा जाता है। वहीं, अवाक्स (AWACS) एक लॉन्ग रेंज रडार सिस्टम है, जो कि आमतौर पर एयरक्राफ्ट में लगा होता है और सीमापार से आ रहे खतरों का पता लगाकर अपनी सेना की रक्षा में मदद करता है।
भारत ने इससे पहले दावा किया था कि उसने पाकिस्तान में 11 एयरबेसों को निशाना बनाया। कई अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों और रक्षा विशेषज्ञों ने सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से भारत के इस दावे की पुष्टि भी की थी। हालांकि, पाकिस्तान इस पूरे मुद्दे पर अपनी जनता से सच छिपाने के लिए चुप रहा। पाकिस्तानी सेना ने रविवार रात स्वीकार किया कि भारत के साथ हालिया सैन्य टकराव में उसका एक लड़ाकू विमान को क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने विमान से जुड़ी और कोई जानकारी साझा नहीं की। दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम के घोषणा के बाद पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एयरफोर्स और नेवी अधिकारियों के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने ऑपरेशन बुनयान-उल-मरसूस के संचालन और निष्कर्ष की जानकारी दी। जहां शरीफ चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान का केवल एक विमान क्षतिग्रस्त हुआ है। पाकिस्तान ने मंगलवार को अपने नुकसान का ब्योरा देते हुए बताया था कि भारत के साथ हुए सैन्य टकराव के दौरान उसके 11 सैन्यकर्मी मारे गए और 78 अन्य घायल हो गए। पाकिस्तान इससे पहले सिर्फ आम लोगों के मारे जाने की बात कह रहा था, हालांकि, जब भारत ने सबूतों के साथ बताया था कि उसकी कार्रवाई में पाकिस्ताप के 35 से 40 सैनिक मारे गए तो उसने इनमें से कुछ के मारे जाने की बात कबूली।
पाकिस्तान ने जिन हताहतों का जिक्र किया, उनमें दो नाम खास तौर पर गौर करने वाले हैं। एक नाम है स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ और दूसरा मुख्य तकनीशियन औरंगजेब का। इन दोनों के ही पाकिस्तान की वायुसेना में सेवा देने की बात सामने आती है। ऐसे में इनके हताहत होने की सूचना इस बात की भी पुष्टि करती है कि पाकिस्तान एयरफोर्स के कुछ विमानों को भारत ने मार गिराया। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना के अन्य हताहतों में वरिष्ठ तकनीशियन नजीब, कॉर्पोरल तकनीशियन फारूक और वरिष्ठ तकनीशियन मुबाशिर शामिल हैं। बयान में कहा गया कि हमले में मारे गए सैन्य कर्मियों में नायक अब्दुल रहमान, लांस नायक दिलावर खान, लांस नायक इकरामुल्लाह, नायक वकार खालिद, सिपाही मुहम्मद अदील अकबर और सिपाही निसार शामिल हैं।चौंकाने वाली बात यह है कि जहां ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 100 से ज्यादा आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का दावा किया है, वहीं पाकिस्तान ने किसी भी मृतक को आतंकवादी नहीं माना है, जबकि हाल ही में वायरल हुई एक तस्वीर में लश्कर-ए-तैयबा के एक सरगना को मुरीदके में तीन आतंकियों की मौत के बाद उनके जनाजे में शामिल होते देखा गया था। इस जनाजे में पाकिस्तानी सेना के अफसर और पुलिस के कई जवान भी जुटे थे। भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिए जाने के बाद पाकिस्तान के सोशल मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि पाकिस्तानी सेना ने भारत के कुछ पायलटों को पकड़ लिया है। हालांकि, खुद पाकिस्तान की वायुसेना और नौसेना के अधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ऐसी खबरें झूठ हैं और गलत जानकारी के आधार पर फैलाई जा रही हैं।
बता दें कि पाकिस्तान के कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स ने भारतीय वायुसेना की एक पायलट स्क्वाड्रन लीडर शिवानी सिंह के पकड़े जाने की अफवाह उड़ाई थी। हालांकि, भारत ने भी इस दावे को झूठा बताते हुए इसकी असलियत जनता के सामने रख दी। पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद जब इसमें पाकिस्तान के शामिल होने की बात सामने आई, तब उसके रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक ऐसा खुलासा किया, जिससे पाकिस्तान की आतंक से जुड़ाव की पूरी पोल खुल गई। आसिफ ने एक इंटरव्यू के दौरान आतंकियों को समर्थन और प्रशिक्षण देने की बात कबूल की। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले तीन दशक से पाकिस्तान आतंकवादियों को समर्थन और प्रशिक्षण दे रहा है। उन्होंने इसका दोष अमेरिका और पश्चिमी देशों पर मढ़ दिया। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि हम तीन दशकों से अमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिम के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं। यह एक गलती थी और पाकिस्तान को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में शामिल नहीं होते और 9/11 के हमले नहीं होते तो पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेदाग होता।