वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट गुरुवार को संसद में पेश की गई, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. लोकसभा में जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट पेश की, लेकिन विपक्ष ने आरोप लगाया कि उनकी असहमति को रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है. इसको लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए कहा, “यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को बचाने के लिए नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय से वक्फ संपत्तियां छीनने के लिए लाया गया है. यह पूरी तरह असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 29 का उल्लंघन करता है. हम इस विधेयक की कड़ी निंदा करते हैं.”
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “हमारे सुझावों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया. देश में किसानों और बेरोजगारी की गंभीर समस्या है, लेकिन सरकार इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के विधेयक ला रही है.”
सपा सांसद डिंपल यादव ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “विपक्ष के असहमति नोट को रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया. सरकार इस विधेयक को मनमाने तरीके से पारित करना चाहती है. सत्र के आखिरी दिन इसे लाकर जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है.”
विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार ने विधेयक को आगे बढ़ाने का संकेत दिया है. इस मुद्दे पर संसद के भीतर और बाहर विरोध जारी रहने की संभावना है.