नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) क्षेत्र में सड़कों के नाम बदलने को लेकर चल रहे विवादों के बीच, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने अपने सरकारी आवास 6 तुगलक लेन के द्वार पर ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ की पट्टिका लगा दी। इस घटना के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा तेज हो गई। डॉ. दिनेश शर्मा को हाल ही में 6 तुगलक लेन पर सरकारी आवास आवंटित किया गया था। उन्होंने बृहस्पतिवार को अपने परिवार के साथ इस आवास में प्रवेश किया और वहां एक नई नाम पट्टिका (नेमप्लेट) लगवाई। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को सामान्य बताते हुए कहा कि जब कोई नए घर में प्रवेश करता है, तो वहां नेमप्लेट लगाना सामान्य प्रक्रिया होती है। दिनेश शर्मा ने इस मुद्दे पर उठे विवाद को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी भी सड़क का नाम बदला नहीं है और न ही यह उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। उनका कहना है कि “मैं वहां नहीं गया था, मैंने नहीं देखा था। जब संबंधित लोगों ने मुझसे पूछा कि किस तरह की नाम पट्टिका होनी चाहिए, तो मैंने कहा कि आसपास के हिसाब से होनी चाहिए। वहां पहले से लगे बोर्ड्स पर ‘विवेकानंद मार्ग’ और नीचे ‘तुगलक लेन’ लिखा था, इसलिए पेंटर ने वही नाम लिखा।” उन्होंने यह भी बताया कि जब कर्मचारियों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गूगल मैप पर यह स्थान ‘विवेकानंद रोड’ के रूप में दिखाया जाता है, जिससे भ्रम की स्थिति न हो, इसलिए यह नाम पट्टिका पर लिखा गया। इस विवाद के बीच, सांसद ने स्पष्ट किया कि किसी सड़क का नाम बदलने का अधिकार राज्य सरकार और नगर निकाय (NDMC) के पास होता है। इसके लिए एक आधिकारिक प्रक्रिया होती है, जिसमें कई विभागों की स्वीकृति शामिल होती है। “मुझे इसे बदलने का न अधिकार था, न है, न मैंने किया है। पेंटर ने वही नाम लिखा होगा जो आस-पास के घरों पर लिखा था, इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने कोई स्थान (का नाम) बदला है।” इस मुद्दे पर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे सड़क नाम बदलने की एक अनौपचारिक पहल मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे भ्रम दूर करने की सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं। नगर निकाय अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी सड़क का आधिकारिक नाम बदला जाता है, तो उसके लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाता है।