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कोविड-19 के बाद क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम का खतरा: जानें लक्षण, कारण और समाधान

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Risk of Chronic Fatigue Syndrome after COVID-19

कोविड-19 महामारी ने दुनिया को हिला कर रख दिया था। 2019 में इस बीमारी ने जिस तरह से लोगों की जिंदगियों को प्रभावित किया, वह कोई नहीं भूल सकता। हालांकि अब कोविड का प्रभाव कम हो चुका है, लेकिन इसके बाद भी कई लोग इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इनमें से एक है क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम (CFS) या मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस (ME)। क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को अत्यधिक थकावट, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और अन्य कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। इसकी विशेषता यह है कि यह थकान आराम करने के बाद भी ठीक नहीं होती। हाल ही में यूटा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि कोविड-19 के सर्वाइवर में इस बीमारी का खतरा बढ़ गया है। इस अध्ययन में 11,785 मरीजों का विश्लेषण किया गया, जो कोविड से प्रभावित हुए थे। इनमें से बड़ी संख्या में लोगों में क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम के लक्षण पाए गए।
क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम के लक्षणों में शामिल हैं:

थकान:


लंबे आराम के बाद भी थकावट का अनुभव।

मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द:

जकड़न और कमजोरी के साथ दर्द।

सिरदर्द:

लगातार सिर दर्द की समस्या।

नींद की समस्या:

नींद पूरी करने के बाद भी ताजगी महसूस न होना।

ध्यान और याददाश्त में समस्या:

ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और याददाश्त की कमी। जोड़ों की सूजन और लालिमा। हालांकि CFS के कारणों पर अभी भी शोध जारी है, लेकिन कोविड-19 जैसी गंभीर बीमारियों से रिकवरी के दौरान यह समस्या अधिक देखी जा रही है। कोविड-19 के दौरान हुई शारीरिक और मानसिक थकान। इम्यून सिस्टम की कमजोरी। शारीरिक गतिविधि में कमी। क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं। हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधियां शुरू करें। योग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को अपनाएं। धीरे-धीरे अपनी गतिविधियों की अवधि और तीव्रता बढ़ाएं। संतुलित और पोषण युक्त भोजन लें। हरी सब्जियां, फल, और प्रोटीन युक्त भोजन को अपनी डाइट में शामिल करें। पर्याप्त पानी पीना न भूलें। ध्यान (Meditation) और प्राणायाम से तनाव को कम करें। पर्याप्त नींद लें और सोने का समय निर्धारित करें। डॉक्टर से नियमित परामर्श लें।
फिजियोथेरेपी और काउंसलिंग का सहारा लें। दवाओं और सप्लीमेंट्स के लिए चिकित्सक की सलाह का पालन करें। कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य समस्याएं खत्म नहीं हुई हैं। क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम ऐसी ही एक चुनौती है। लेकिन सही जानकारी और उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। एक्सरसाइज, संतुलित आहार, और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। आपकी सेहत अनमोल है। अपने शरीर और मन की देखभाल करें और जरूरत पड़ने पर चिकित्सकीय मदद जरूर लें।

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