कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आईआईटी मद्रास के छात्रों के साथ बातचीत की। इस दौरान राहुल ने कहा कि निजीकरण और वित्तीय प्रोत्साहन के जरिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल नहीं की जा सकती। उन्होंने शिक्षा पर अधिक खर्च करने और सार्वजनिक संस्थानों को मजबूत करने के लिए सरकारों के महत्व के बारे में बात की। आईआईटी मद्रास के छात्रों के साथ आयोजित एक बैठक में राहुल गांधी ने कई मुद्दों पर बातचीत की। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए किए जाने वाले बदलावों पर भी बात रखी। राहुल ने कहा, मेरा मानना है कि किसी भी सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपने लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी देना है। इसे निजीकरण और वित्तीय प्रोत्साहनों के माध्यम से हासिल नहीं किया जा सकता है। हमें शिक्षा और सरकारी संस्थानों को मजबूत करने पर बहुत अधिक पैसा खर्च करने की आवश्यकता है। राहुल ने छात्रों के साथ अपनी बातचीत का एक वीडियो एक्स पर भी पोस्ट किया। छात्रों ने राहुल से यह पूछा कि काम करने के तरीके से कांग्रेस और भाजपा में क्या अंतर है। इस पर राहुल ने कहा कि कांग्रेस आमतौर पर मानती है कि संसाधनों को अधिक निष्पक्ष रूप से वितरित किया जाना चाहिए और विकास व्यापक और समावेशी होना चाहिए। राहुल ने कहा कि भाजपा विकास पर केवल आक्रामक है, लेकिन वो आर्थिक दृष्टि से ‘ट्रिपल-डाउन’ में विश्वास करती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सामाजिक मोर्चे पर भी हमें काम करना होगा, जितना लोग कम लड़ेंगे, देश के लिए उतना ही बेहतर होगा। राहुल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मोर्चे पर भी कांग्रेस जिस तरह से अन्य देशों से संबंध रखती थी, भाजपा के राज में शायद कुछ मतभेद हैं। राहुल ने आगे कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली जिस तरह से स्थापित की गई है, उसमें गंभीर समस्याएं हैं। हमारी शिक्षा प्रणाली बच्चों की सोच को पनपने नहीं दे रही है। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने हजारों बच्चों से बात की और उनसे पूछा कि वे क्या बनना चाहते हैं। छात्रों ने उनसे कहा कि वे वकील, डॉक्टर, इंजीनियर या सेना के जवान बनना चाहते हैं। राहुल ने इसपर कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि देश में करने के लिए केवल पांच चीजें हों, लेकिन हमारी शिक्षा व्यवस्था इसी पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को बच्चों को वह करने देना चाहिए जो वे करना चाहते हैं और उन्हें कई चीजों का अनुभव करने की अनुमति देनी चाहिए। राहुल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर आगे बढ़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत चीन और अमेरिका को कैसे संतुलित करता है। उन्होंने कहा कि दो महाशक्तियां आमने-सामने हैं और हमारे पास एक संतुलन समीकरण है, तो भारत एक ऐसे स्थान पर है जहां वह अपनी शक्ति से कहीं अधिक पा सकता है।