केंद्र सरकार ने गुरुवार को पूर्वोत्तर के संकटग्रस्त राज्य मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पद से इस्तीफा देने के चार दिन बाद यह कदम उठाया गया है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राज्य के राज्यपाल से एक रिपोर्ट मिली है उसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की घोषणा की गयी।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘संविधान के अनुच्छेद 356 द्वारा प्रदत्त शक्तियों तथा अन्य सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि मणिपुर राज्य सरकार के सभी कार्य तथा उस राज्य के राज्यपाल में निहित या उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियां, उक्त राज्य के विधानमंडल की शक्तियां संसद द्वारा या उसके प्राधिकार के तहत प्रयोग की जा सकेंगी।’
अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति उक्त राज्य के राज्यपाल के माध्यम से उस सीमा तक कार्य करेंगी जैसा वे उचित समझें। उस राज्य के संबंध में संविधान के प्रावधानों के संचालन को निलंबित कर दिया गया था और प्रावधानों की सूची आदेश में दी गई थी।
श्री बीरेन सिंह ने रविवार को नई दिल्ली से आने के तुरंत बाद मणिपुर के राज्यपाल ए के भल्ला को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। वे भाजपा नेता संबित पात्रा और कुछ अन्य विधायकों के साथ इंफाल पहुंचे थे।
श्री बीरेन सिंह ने पत्र में केंद्र सरकार के समय पर किए गए कार्यों, हस्तक्षेपों, विकास कार्यों और प्रत्येक मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए आभार व्यक्त किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से इसे जारी रखने का अनुरोध किया है।
उन्होंने केंद्र से मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए भी कहा जिसका हजारों वर्षों से समृद्ध और विविध सभ्यतागत इतिहास है।
राज्यपाल ने तब श्री बीरेन सिंह से कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करना जारी रखने के लिए कहा था। श्री संबित पात्रा ने बाद में भाजपा विधायकों के साथ एक नया नेता चुनने की रणनीति तैयार करने के लिए बातचीत की। हालांकि अभी तक नेताओं के बीच कोई आम सहमति नहीं बन पाई है।
मणिपुर में तीन मई 2023 को शुरू हुए संघर्ष की पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति शासन लागू होने के साथ ही राज्यपाल ए के भल्ला अब सामान्य स्थिति बहाल करने और राज्य के मामलों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगे।