पालघर : महाराष्ट्र के पालघर जिले में हत्या के एक मामले में आरोपी होने के बाद पिछले 24 साल से फरार एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) मदन बल्लाल ने बताया कि 50 साल के आरोपी की पहचान मामू उर्फ छोटे उर्फ बाबून ओमप्रकाश श्रीसाहूनी दिवाकर के रूप में हुई है। उसे 27 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के कानपुर से गिरफ्तार किया गया। 14 जनवरी, 2001 को मोहर्रम अली मोहम्मद इब्राहिम अली (46) नामक एक व्यक्ति को विरार इलाके में धारदार हथियार से पेट में वार किया गया था। बाद में उनकी मौत हो गई। बल्लाल ने बताया कि विरार पुलिस ने इसके बाद हारुन अली मुस्तकीन अली सैयद और मामू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया। अपराध के पीछे का मकसद बकाया किराया न चुकाने को लेकर विवाद था।
उन्होंने बताया कि मृतक अक्सर पास की हार्डवेयर की दुकान से आरोपी के ऑटोरिक्शा में यात्रा करता था, लेकिन कथित तौर पर उसने किराया नहीं चुकाया। बल्लाल ने बताया कि मामला आगे बढ़ा और चाकूबाजी तक पहुंच गया। उन्होंने बताया कि सैयद को शुरू में गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि मामू भागने में सफल रहा और 24 साल तक उसका पता नहीं चला। बल्लाल ने बताया, ‘आरोपी गायब हो गया और मामला दो दशक से अधिक समय तक ठंडे बस्ते में रहा। 24 साल बाद किसी को ट्रैक करना आसान काम नहीं है, लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस साल की शुरुआत में मामले की फिर से जांच शुरू की।
उन्होंने बताया, हमने उस समय से ऑटोरिक्शा चालकों की पहचान करना शुरू किया और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के रिकॉर्ड से क्रॉस-चेकिंग की। फिर हमने आरोपी के बेटे और भतीजे से प्राप्त फोन नंबरों का तकनीकी विश्लेषण किया। इस तरह हमने पाया कि वह कानपुर के पहाड़पुर में रहता है। अधिकारी ने बताया कि एक विशेष पुलिस दल को उत्तर प्रदेश भेजा गया और कई दिनों की निगरानी के बाद कानपुर पुलिस की मदद से आरोपी को हामिदपुर रोड पर एक पेट्रोल पंप के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। बल्लाल ने कहा, यह अपराध का पता लगाने और अंतर-राज्यीय समन्वय का एक बेहतरीन मामला था।