भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता डी राजा ने कहा, “‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का प्रस्ताव भारत जैसे विविध देश में अव्यावहारिक है। सरकार को इस प्रस्ताव के पीछे का असली उद्देश्य स्पष्ट करना चाहिए। हमारी पार्टी ने अपने विचार समिति को सौंप दिए हैं।”
यूपी कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी: अजय राय
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “योगी सरकार किसानों और आम जनता पर अत्याचार कर रही है। फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा, खाद की कालाबाज़ारी बढ़ रही है। झांसी में 10 नवजात शिशुओं की मौत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बेरोजगारी चरम पर है। इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी।”
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार: कल्याण बनर्जी
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “‘यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 83(2)(1) के विपरीत है। राज्य विधानसभाएं संसद के वश में होंगी। यह संघीय ढांचे पर हमला है और राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ने का प्रयास है।”
‘पहले चुनाव आयुक्त का चुनाव हो’: उद्धव ठाकरे
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, “‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ बाद में आए, पहले चुनाव आयुक्त के चुनाव का मुद्दा सुलझाया जाए। यदि राष्ट्रपति का चुनाव हो सकता है तो चुनाव आयुक्त का क्यों नहीं? बैलेट पेपर पर एक बार मतदान करवाकर संदेह दूर किया जाए।
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ में खामियां: रंजीत रंजन
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, “‘बिल में कई खामियां हैं। आचार संहिता की वजह से विकास रुकता है, लेकिन इससे अहम लोकतंत्र का बचाव है। केंद्र और राज्यों की राजनीति अलग होती है, सरकार की नीयत पर सवाल है।”
संघीय ढांचे को खत्म करने की कोशिश’: गौरव गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “‘सरकार चुनावों के खर्च का हवाला दे रही है, लेकिन इसका असल मकसद संघीय ढांचे को कमजोर करना है। यह गैर-संवैधानिक बिल है और हमने इसका विरोध किया।”
वन नेशन, नो इलेक्शन का मुद्दा’: नाना पटोले
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, “‘मोदी सरकार ने 10 साल में देश के कर्ज को 220 लाख करोड़ तक पहुंचा दिया। असल मुद्दा ‘वन नेशन, नो इलेक्शन’ है, जिससे लोकतंत्र खत्म किया जा रहा है।”
संविधान विरोधी है यह बिल’: प्रियंका गांधी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, “‘यह विधेयक संविधान और संघीय ढांचे के खिलाफ है। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।”
लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर ई-वोटिंग
लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पर मतदान हुआ, जिसमें 269 वोट पक्ष में और 198 वोट विपक्ष में पड़े।