आज 6 दिसंबर 2024 को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई जा रही है, जिसे महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में श्रद्धा भाव से अदा किया जाता है। डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू में हुआ था, और उन्होंने भारतीय समाज में दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्हें भारतीय संविधान का जनक माना जाता है और उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज में अद्वितीय है। डॉ. अंबेडकर ने विदेश में जाकर अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की और 1926 में भारत लौटने के बाद मुंबई विधानसभा के सदस्य बने। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भी थे और संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 6 दिसंबर 1956 को डॉ. अंबेडकर का निधन हुआ था, और तभी से उनकी पुण्यतिथि महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाई जाती है।
उनका योगदान केवल कानूनी और राजनीतिक क्षेत्र तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाकर समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक नई सोच प्रस्तुत की।डॉ. अंबेडकर ने बौद्ध धर्म पर “बुद्ध और उनका धर्म” पुस्तक लिखी, जिसका प्रकाशन उनकी मृत्यु के बाद हुआ। 14 अक्टूबर 1956 को उन्होंने स्वयं बौद्ध धर्म को अपनाया। बौद्ध अनुयायी उन्हें अपने गुरु के समान मानते हैं, और उनका मानना है कि वह अपने कार्यों के माध्यम से निर्वाण प्राप्त कर चुके हैं। आज हम डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद कर, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके द्वारा दिए गए अधिकारों और समानता के संदेश को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेते हैं।