महाकुंभ के दौरान संगम तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ का जो माहौल था, वह अचानक गंभीर हो गया जब शाही स्नान से ठीक पहले भगदड़ मच गई. आपको बता दें कि मंगलवार-बुधवार की रात करीब एक बजे हुई इस भगदड़ में एक दर्जन से ज्यादा लोग मारे गए, जबकि कई लोग घायल हो गए. बावजूद इसके, श्रद्धालुओं का उत्साह और आस्था कायम रहा. संगम पर लोग डुबकी लगाने के लिए अपना-अपना वक्त आने का इंतजार कर रहे हैं और हर पल भीड़ का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है.
लेकिन अब, इस बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है. बता दें कि मंगलवार से शुरू होकर, अब प्रयागराज से बाहर जाने वाले यात्रियों के लिए 360 स्पेशल ट्रेनें चलेंगी. इसका मतलब है, ये ट्रेनें सिर्फ प्रयागराज से यात्रियों को बाहर निकालने का काम करेंगी, जबकि दूसरी तरफ, प्रयागराज आने वाली कोई नई स्पेशल ट्रेन नहीं चलेगी.
साथ ही, सभी रेगुलर ट्रेनें अपने शेड्यूल के अनुसार ही चलेंगी. रेलवे ने इस कड़े निर्णय को लागू किया है ताकि संगम पर हो रही भगदड़ और अनियंत्रित भीड़ से निपटा जा सके और श्रद्धालुओं को सुरक्षित तरीके से प्रयागराज से बाहर पहुंचाया जा सके.
महाकुंभ के दौरान शाही स्नान के कुछ घंटों पहले हुई इस दुखद घटना ने प्रशासन को और भी सतर्क कर दिया है. बाहरी इलाकों से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को अब रोका जा रहा है, ताकि संगम तट पर भीड़ को नियंत्रित किया जा सके. अभी तक स्थिति यह है कि प्रयागराज की सड़कें और मैला क्षेत्र भर चुका है, लेकिन श्रद्धालुओं का जोश और आस्था कहीं भी कम नहीं हुई है.