महाकुंभ 2025 एक विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन सनातनियों के लीये है जो उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाला है। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना है, बल्कि पर्यावरणीय जागरूकता और स्थिरता को बढ़ावा देना भी है। यहाँ आयोजन से संबंधित मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
- स्थान और महत्व:
महाकुंभ 2025 उत्तर प्रदेश में होगा, जिसमें गंगा, यमुना, सरस्वती, शिप्रा और गोदावरी नदियों के किनारे 12 पवित्र स्थानों पर उत्सव आयोजित किया जाएगा।
यह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहां अनुष्ठान स्नान से पापों का निवारण माना जाता है। - पर्यावरणीय पहल:
इलेक्ट्रिक वाहनों की परेड और नदी-सफाई अभियान जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे।
1,000 ई-रिक्शा उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि कार्बन उत्सर्जन कम हो सके।
इन पहलों का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। - बुनियादी ढांचे का विकास:
आयोजन के लिए ₹6,382 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
विशेष रूप से सुविधाओं और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ₹5,600 करोड़ का निवेश किया जा रहा है।
कार्यक्रम की विभिन्न गतिविधियों के लिए 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र तैयार किया गया है।
- प्रबंधन और रिकॉर्ड बनाने की योजना:
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मानकों के अनुसार रिकॉर्ड स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है।
तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए 10,000 कैनवास टेंट लगाए जाएंगे। - सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अनुभव:
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां लाखों तीर्थयात्री भाग लेंगे।
आयोजन का उद्देश्य एक “स्मरणीय और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ” अनुभव सुनिश्चित करना है।
यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने के साथ-साथ पर्यावरणीय जिम्मेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।