प्रयागराज में महाकुंभ मेला अपने चरम पर है, और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन आखिरी स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। इस खास मौके पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची है। 23 फरवरी को महाकुंभ मेला खत्म होने से पहले का आखिरी वीकेंड था, इसलिए रविवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। प्रयागराज आने वाले सभी प्रमुख रास्तों पर जाम की स्थिति गंभीर हो गई है। वाहन रेंग रहे हैं और यात्री परेशान हैं। महाकुंभ मेला क्षेत्र के पास की सड़कें लगभग पूरी तरह से पैक हो गई हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था भी खराब हो गई है। फूलपुर से साहसो होते हुए झूंसी तक जाम की स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा, सैदाबाद से झूंसी, हनुमानगंज, और अंदावा में भी भारी जाम देखने को मिला। इसके अलावा, मुंगरी से नैनी, मासिक, और यूआईटी तक लंबी कतारें लग गई हैं। घूरपुर से इरादात्गंज, डंडुपुर, और नारी-बारी से गौहानिया तक भी वाहनों का रेंगना जारी है। जाम से निजात दिलाने के लिए किए गए इंतजाम, जैसे जनपदीय नो एंट्री प्वाइंट्स और अन्य उपाय, पर्याप्त साबित नहीं हुए। मेला क्षेत्र के आसपास की सड़कों पर वाहनों का दबाव दिनभर बना रहा, और सड़कों पर वाहनों की कतारें कई किलोमीटर तक पहुंच गईं। दोपहर होते-होते, नए यमुना पुल, अलोपीबाग फ्लाईओवर, बैरहना चौराहा, और अन्य प्रमुख स्थानों पर जाम की स्थिति और भी विकट हो गई। इसी तरह से, बेला कछार मार्ग पर शाम तक लगभग तीन किलोमीटर लंबी कतारें लग गईं। महाकुंभ मेले के अंतिम चरण में यात्रियों और श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन को बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। साथ ही, वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए यातायात पुलिस को कड़े कदम उठाने होंगे।