मधुबनी में एक शख्स बेरहमी से पिटाई मामले में बिहार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। मधुबनी एसपी योगेंद्र कुमार ने बेनीपट्टी थाने के थानेदार और प्रशिक्षु डीएसपी गौरव गुप्ता को हटा दिया है। उन्होंने थाने में तैनात कई अन्य पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया है। इनमें एएसआई मुकेश कुमार, हवलदार रणजीत कुमार, सिपाही बिक्रम कुमार, चौकीदार सुरदीप मंडल, चौकीदार सुरेश पासवान शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि फिरोज नाम के शख्स पर बेरहमी से पिटाई का आरोप है। घटना बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के महमदपुर पुल के समीप की है। पीड़ित युवक कटैया गांव निवासी मो. फिरोज है, जिसका आरोप है कि पुलिस ने उसकी जमकर पिटाई की है। फिरोज ने बताया कि वह अपने ससुराल से वापस अपने घर आ रहा था। बीच रास्ते में वाहन चेकिंग हो रही थी। लिहाजा पुलिस ने रुकने का इशारा किया, लेकिन गाड़ी की गति तेज थी इसलिए गाड़ी थोड़ी आगे बढ़ गई। इतने में एक पुलिस वाले ने फिरोज पर लाठी चला दी। लाठी लगते ही फिरोज जमीन पर गिर पड़ा। फिर फिरोज ने पुलिस वालों से लाठी से मारने का कारण पूछा। यह सुनते ही पुलिस वाले भड़क गये और फिर वहां मौजूद पुलिस अधिकारी के आदेश पर पुलिस वाले उसे पीटने लगे। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस से गलत व्यवहार की थी। इसलिए पुलिस वालों ने उसे ऐसा पीटा कि पीड़ित का पटना में इलाज चल रहा है। बात यहीं पर ख़त्म नहीं हुई,बल्कि पुलिस वाले फिरोज को पकड़ कर गाड़ी में बैठा लिया और फिर उसे थाना लेकर चले गये। फिर हाजत में बंद कर चौकीदार से उसकी जमकर पिटाई की गई। पिटाई इस कदर की गई कि उसके कमर का नीचे और पीछे का हिस्सा पुलिस की लाठी की पिटाई से वह पूरा हिस्सा काला हो गया है। ये अलग बात है कि वह हिस्सा ‘अमर उजाला’ दिखा नहीं सकता, लेकिन पुलिस के अत्याचार का नमूना और प्रमाण ‘अमर उजाला’ के पास है। पीड़ित का यह भी आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसे काफी आपत्तिजनक बातें कहीं गई हैं। इसके अलावे भद्दी-भद्दी गालियों से भी दी गई। घर वालों तक किसी तरह बात पहुंची, फिरोज को पुलिस ने पीआर बॉन्ड बनाकर छोड़ दिया। इधर, पुलिस से छूटने के बाद घायल फिरोज को उसके परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सक के द्वारा उसका प्राथमिक इलाज किया गया, लेकिन उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुये चिकित्सक ने फिरोज को बेहतर इलाज के लिए दरभंगा और फिर वहां से पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया। अस्पताल जाने के बाद फिरोज ने पिटाई से शरीर पर हुए काले निशान को दिखाते हुए पुलिस की बर्बरता की सारी कहानी बयां की। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगे। घटना से भड़के लोग एसपी योगेन्द्र कुमार से उनके अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की शिकायत करते हुए दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। मामला सोशल मीडिया पर आने के बाद अब मधुबनी पुलिस की किरकिरी होने लगी। इसलिए अब उससे बचने के लिए डीएसपी हेडक्वार्टर रश्मि ने ज्ञापांक संख्या 83 / 02 फरवरी 2025 को पत्र जारी करते हुए मोहम्मद फिरोज को अपने कार्यालय में बुलाकर साक्ष्य देने की बात कही गई है। पत्र में लिखा है कि सोशल मीडिया पर एक ऑडियो / वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें आपके (फिरोज) बेनीपट्टी थाना के विरुद्ध बाइक चेकिंग के दौरान मारपीट करने एवं अन्य आरोप लगाया है। संबंध में पुलिस अधीक्षक मधुबनी द्वारा जांच करने हेतु निर्देश दिया गया है। उक्त घटना के संबंध में अपना पक्ष रखने / साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए दो फरवरी 2025 को समय 3:00 बजे तक पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) मधुबनी के कार्यालय में उपस्थित होना सुनिश्चित करें। हालांकि पुलिस द्वारा बेरह्म्मी से मोहम्मद फिरोज की पिटाई किये जाने की बात का अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी निशिकांत भारती ने साफ इनकार किया है। डीएसपी ने कहा कि जांच के दौरान युवक को रूकने के लिए बोला गया, पर वह एक बेरियर क्राॅस कर दूसरे के पास जाकर रूके और अनियंत्रित होकर जा गिरे, जिस वजह से उन्हें चोटें आयी है। प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद उन्हें सकुशल बाॅड पर छोड़ दिया गया था। अब सवाल यह है कि फिरोज अपने कमर के नीचे और पीछे का वह हिस्सा जो काला पड़ गया है, क्या वह गिरने से हुआ है, या फिर पुलिस की बर्बरता का निशान है? अब यह तय पुलिस नहीं बल्कि उसका इलाज कर रहे डॉक्टर करेंगे कि यह चोट के निशान हैं या फिर मधुबनी पुलिस की बर्बरता के दास्तां।