इंडिया गठबंधन में नेतृत्व को लेकर विवाद फिर से उभरता नजर आ रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में यह बयान दिया कि गठबंधन को सही दिशा देने के लिए सक्षम नेतृत्व की आवश्यकता है। अब इस बयान को शिवसेना यूबीटी का समर्थन भी मिल गया है। उद्धव गुट की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने अपने विचार स्पष्ट रूप से रखे हैं, और इस पर अंतिम निर्णय वरिष्ठ नेता करेंगे।प्रियंका ने ममता की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में एक मजबूत मॉडल पेश किया है और भाजपा को सत्ता से दूर रखा है। उनकी कल्याणकारी योजनाएं और चुनावी रणनीतियां उनकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाती हैं। प्रियंका का कहना है कि ममता बनर्जी के पास अनुभव और “फाइटिंग स्पिरिट” है, जिसके चलते उनकी इच्छा महत्वपूर्ण मानी जा सकती है। ममता के बयान पर भाजपा ने चुटकी लेते हुए गठबंधन की अंदरूनी खींचतान पर सवाल उठाए हैं। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता खुद राहुल गांधी को नेतृत्व करने योग्य नहीं मानते। भंडारी ने तंज कसते हुए कहा कि यह गठबंधन असमंजस की स्थिति में है, जहां हर कोई खुद को नेता मानता है। ममता बनर्जी ने बांग्ला चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि इंडिया गठबंधन को सक्षम नेतृत्व की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन का सही प्रबंधन होना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इसका नेतृत्व करना चाहेंगी, तो उन्होंने जवाब दिया कि यदि मौका मिला तो वह इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हैं। ममता बनर्जी के इस बयान के बाद उद्धव गुट का समर्थन उनकी महत्वाकांक्षा को और मजबूत करता है। शिवसेना यूबीटी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ममता का बयान उनके अनुभव और गठबंधन में उनकी भूमिका को दर्शाता है। इस खींचतान ने इंडिया गठबंधन के भीतर नेतृत्व की स्पष्टता और संगठनात्मक ढांचे को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। गठबंधन के नेताओं के बीच नेतृत्व को लेकर यह विवाद भाजपा के लिए अवसर बन सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन इस चुनौती से कैसे निपटता है और क्या ममता बनर्जी को आगे की भूमिका मिलती है।