Home खेल कोनेरू हम्पी की शानदार वापसी, दूसरी बार बनीं विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन

कोनेरू हम्पी की शानदार वापसी, दूसरी बार बनीं विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन

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Koneru Humpy's brilliant comeback

भारत की ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने रविवार को इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराकर दूसरी बार विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप खिताब जीत लिया है। हम्पी ने इससे पहले 2019 में जॉर्जिया में यह प्रतियोगिता जीती थी। भारत की यह नंबर एक महिला शतरंज खिलाड़ी चीन की जू वेनजुन के बाद एक से ज्यादा बार यह खिताब जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बनीं। वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला शतरंज खिलाड़ी हैं। 37 वर्षीय हम्पी ने 11 में से 8.5 अंकों के साथ टूर्नामेंट का समापन किया। यह भारतीय ग्रैंडमास्टर के लिए एक निर्णायक जीत थी। उन्हें चैंपियनशिप जीतने के लिए सिर्फ जीत की ही दरकार थी। ड्रॉ या हार से उनका सपना टूट जाता। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। रूस के 18 वर्षीय वोलोदर मुर्जिन ने पुरुष वर्ग में यह खिताब जीता। नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के बाद मुर्जिन दूसरे सबसे कम उम्र के FIDE वर्ल्ड रैपिड चैंपियन हैं। नोदिरबेक ने 17 साल की उम्र में खिताब जीता था। हम्पी ने इस जीत के साथ भारतीय शतरंज के लिए इस साल का अंत शानदार अंदाज में किया। उनकी यह उपलब्धि खास रही। हाल ही में सिंगापुर में क्लासिकल शतरंज विश्व चैंपियनशिप में डी गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर चैंपियन बने थे। हम्पी ने रैपिड दुनिया में हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने मास्को में आयोजित प्रतियोगिता के 2012 संस्करण में कांस्य पदक जीता था। हम्पी ने 2019 में जॉर्जिया के बटुमी में चैंपियनशिप जीतकर सफलता के शिखर पर पहुंची थीं। तब उन्होंने चीन की लेई टिंगजी को एक नर्वस-व्रैकिंग आर्मगेडन गेम में हराया था। जबकि पिछले साल 2023 वह उज्बेकिस्तान के समरकंद में इसी टूर्नामेंट में रजत पदक जीती थीं।

वह 2023 में रूस की अनास्तासिया बोदनारुक के खिलाफ टाईब्रेक में खिताब से चूक गईं थीं। रैपिड शतरंज के अलावा हम्पी ने अन्य प्रारूपों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2022 महिला विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। वहीं, 2024 में महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के करीब आई थीं, लेकिन चूक गई थीं। उन्होंने रजत पदक हासिल किया था। हम्पी निजी कारणों से बुडापेस्ट ओलंपियाड में हिस्सा नहीं ले सकी थीं, जहां भारत ने छह स्वर्ण पदक जीते थे। इनमें व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण और भारतीय पुरुष-महिला टीम के स्वर्ण पदक शामिल हैं। हम्पी उस महिला टीम का हिस्सा नहीं थीं, लेकिन उन्होंने 2024 के अंत में रैपिड खिताब जीतकर शानदार वापसी की। इस टूर्नामेंट के अंतिम राउंड से पहले हम्पी छह और खिलाड़ियों के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष स्थान पर थीं। हम्पी के अलावा जू वेनझुन, कतेरिना लाग्नो, हारिका द्रोणावल्ली, अफ्रूजा खामदामोवा, टैन झोंग्यी और इरीन, सभी के पास 7.5 अंक थे। हम्पी के अलावा बाकी सभी खिलाड़ियों ने ड्रॉ खेला, लेकिन हम्पी ने इरीन के खिलाफ अंतिम राउंड में जीत हासिल कर खिताब पर कब्जा जमाया। इस जीत के साथ उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ रैपिड शतरंज खिलाड़ियों में से एक हैं।

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