न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को मंगलवार को भारत का अगला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) नियुक्त किया गया। न्यायमूर्ति गवई 14 मई को सीजेआई का पदभार संभालेंगे। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज ट्विट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा,“भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को 14 मई, 2025 से भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हैं।” मौजूदा सीजेआई न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का 13 मई को कार्यकाल समाप्त हो रहा है। न्यायमूर्ति गवई उनकी जगह लेंगे। न्यायमूर्ति गवई देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश हैं। कानून मंत्रालय ने न्यायमूर्ति गवई की भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उनका नाम 16 अप्रैल को सीजेआई खन्ना द्वारा केंद्र सरकार को सिफारिश के रूप में भेजा गया था। न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल छह महीने का होगा और वह 23 दिसंबर को 65 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त होंगे। न्यायमूर्ति गवई देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे। उनसे पहले न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन भारत के मुख्य न्यायाधीश बने थे। न्यायमूर्ति बालाकृष्णन साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे।