महाकुंभ 2025 के दौरान इंटरनेट पर IIT बाबा के बारे में कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें वह अपने अध्यात्मिक जीवन की शुरुआत और नौकरी छोड़ने के फैसले को लेकर मीडिया चैनलों से बातचीत कर रहे हैं. लेकिन हाल ही में एक चौंकाने वाली खबर आई कि जूना अखाड़े ने IIT बाबा को ‘निकाल’ दिया है. इस पर पहली बार जूना अखाड़े के सचिव महंत डॉ. कर्णपुरी महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
महंत कर्णपुरी महाराज के अनुसार, IIT बाबा कोई साधु नहीं था और वह जूना अखाड़े का सदस्य भी नहीं था. उन्होंने कहा कि IIT बाबा एक “मवाली” था, जो जगह-जगह रुकता और खाता था. वह कहीं भी टीवी पर बोलता था और उसकी गतिविधियाँ अखाड़े के लिए अपमानजनक थीं. उनके अनुसार, IIT बाबा ने अखाड़े को बदनाम करने की कोशिश की थी, इसलिए उसे वहां से बाहर कर दिया गया.
महंत डॉ. कर्णपुरी महाराज ने यह भी कहा कि IIT बाबा ने किसी माध्यम से अखाड़े में प्रवेश नहीं किया था और वह किसी का शिष्य भी नहीं था. उन्होंने यह भी बताया कि IIT बाबा की गतिविधियाँ बहुत ही गलत थीं, वह लगातार इधर-उधर घूमता रहता था और अखाड़े के नियमों का पालन नहीं करता था. जब यह बात सामने आई कि वह वहां नहीं टिक सकता, तो उसे पूरी तरह से बाहर कर दिया गया। उसके साथ कोई भी व्यवहार नहीं करता था और न ही कोई उसे पास बैठने देता था.
जूना अखाड़े के सचिव ने कहा कि इस प्रकार के लोगों को अखाड़ा सम्मान नहीं देता जो अपनी असली पहचान छिपाकर लोगों को भ्रमित करते हैं. IIT बाबा की इन हरकतों से अखाड़े में गहरा आक्रोश उत्पन्न हुआ है.