महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने हाल ही में एक बयान देते हुए कहा कि जो लोग अब भी मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा कर रहे हैं, वे ‘देशद्रोही’ हैं। शिंदे ने कहा कि औरंगजेब ने महाराष्ट्र पर कब्जा करने की कोशिश की थी और कई अत्याचार किए थे। इसके विपरीत, उन्होंने मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘दिव्य शक्ति’ बताया, जो वीरता, बलिदान और हिंदुत्व के प्रतीक हैं। शिंदे ने ये बातें शिव जयंती के अवसर पर ठाणे जिले के डोंबिवली इलाके के घारदा चौक में शिवाजी महाराज की घोड़े पर सवार प्रतिमा के अनावरण के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा मराठा सम्राट की साहसिक विरासत और नेतृत्व को सम्मान देने के लिए स्थापित की गई है। इन दिनों महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने का मुद्दा गरमाया हुआ है। दक्षिणपंथी संगठनों ने छत्रपति संभाजी नगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज कर दी है। इस विवाद के चलते सोमवार रात नागपुर में हिंसा भड़क उठी, जिसमें कई लोग घायल हुए। स्थिति पर नियंत्रण के लिए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है। इस घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। शिवाजी महाराज की विरासत और इतिहास का राजनीतिकरण राज्य में एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। एकनाथ शिंदे का बयान इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे सामाजिक और राजनीतिक ध्रुवीकरण गहरा सकता है।