भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच राजनीतिक बयानबाज़ी का नया दौर शुरू हो गया है। भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्हें फिल्म ‘भूल-भुलैया’ के छोटे पंडित जैसा बताया और उन्हें “चुनावी हिंदू” कहा। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल चुनाव के समय हिंदू धर्म का सहारा लेते हैं, लेकिन उनके काम धर्मनिरपेक्षता के नाम पर केवल वोट बैंक की राजनीति तक सीमित रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल के ताज़ा बयान और हिंदू प्रतीकों का इस्तेमाल उनकी “राजनीतिक चाल” का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आगामी चुनावों में हिंदू मतदाताओं को लुभाना है। अरविंद केजरीवाल ने इस बयान पर तीखा जवाब देते हुए कहा, “क्या मुझे गाली देने से देश का भला होगा? भाजपा को यह समझना चाहिए कि देश की राजनीति में ऐसी भाषा और आरोप-प्रत्यारोप से जनता को फायदा नहीं होता।” उन्होंने आगे कहा कि भाजपा जनता के असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। केजरीवाल ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि वे अपने काम और प्रदर्शन के आधार पर जनता के सामने आएं, न कि व्यक्तिगत टिप्पणियों पर उतारू हों। इस विवाद ने सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर बड़ी चर्चा छेड़ दी है। ‘चुनावी हिंदू’ जैसे शब्द ने कई राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है। कुछ लोगों का मानना है कि भाजपा के इस बयान का उद्देश्य विपक्षी पार्टियों को धार्मिक आधार पर कमजोर करना है, जबकि अन्य का कहना है कि यह भारतीय राजनीति में बढ़ते धार्मिक प्रसार का प्रतीक है। इस राजनीतिक खींचतान के बीच, जनता से जुड़े असल मुद्दे जैसे महंगाई, बेरोजगारी, और विकास की चर्चा कहीं पीछे छूट गई है। केजरीवाल ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में ठोस काम कर रही है और भाजपा को भी इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इन आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से कितना प्रभावित होती है और असल मुद्दों पर किसे तवज्जो देती है।