
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने बताया कि देशभर के कैंसर अस्पतालों में डे-केयर सेंटर की शुरुआत की जाएगी, जिससे कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज और समर्थन मिल सकेगा.
कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक और आर्थिक रूप से भी रोगियों और उनके परिवारों पर गहरा प्रभाव डालती है. सरकार का उद्देश्य है कि इन मरीजों को एक ही दिन में इलाज कराकर घर जाने की सुविधा मिले, जिससे उन्हें तेज़ी से स्वस्थ होने के साथ-साथ समय और पैसे की भी बचत हो सके.
डे-केयर सेंटर में मरीजों को कीमोथेरेपी जैसे इन्फ्यूजन उपचार की सुविधा दी जाएगी, जो एक आरामदायक वातावरण में किया जाएगा. इसके अलावा, इन केंद्रों में परामर्श और मानसिक समर्थन के अलावा साइड इफेक्ट्स को मैनेज करने के लिए मालिश, एक्यूपंक्चर जैसी वैकल्पिक चिकित्सा सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी.
यह कदम कैंसर से जूझ रहे मरीजों और उनके परिवारों के लिए एक राहत की उम्मीद लेकर आया है, जो इलाज के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक समर्थन की भी जरूरत महसूस करते हैं.