महाराष्ट्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। हाल ही में पुणे में इस दुर्लभ बीमारी से पांच और लोग संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद राज्य में इसकी चपेट में आने वालों की संख्या 163 तक पहुँच गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस बीमारी से अब तक राज्य में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक संदिग्ध मामले पुणे शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों से सामने आए हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि पुणे नगर निगम क्षेत्र के नए गांवों में जीबीएस के 86 मामले सामने आए हैं। कुल मिलाकर, राज्य में GBS के संदिग्ध मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है।
इस बीच, पुणे पुलिस ने एक बड़ा पर्दाफाश करते हुए जाली दस्तावेजों के जरिए जमानत दिलाने वाले गिरोह का खुलासा किया है। इस गिरोह में दो वकील और 11 अन्य लोग शामिल थे। गिरोह जाली दस्तावेजों, जैसे नकली आधार कार्ड और राशन कार्ड का इस्तेमाल कर अपराधियों को जमानत दिलवाता था। जमानत के लिए, गिरोह ऐसे व्यक्तियों को पैसे लेकर जमानतदार बना देता था, जिनके नाम पर जाली दस्तावेज होते थे। इससे आरोपी अदालत में पेश होने के लिए जमानतदार की गारंटी पर आसानी से जमानत पा जाते थे। पुलिस ने इस गिरोह की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद एक गुप्त अभियान चलाया और गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में संतोष कुमार टेलैंड, असलम सैय्यद, योगेश जाधव, दर्शन शाह, पिराजी शिंदे और गोपाल कांगने शामिल हैं। इनमें से दो वकील, असलम सैय्यद और योगेश जाधव, जमानत दिलाने की प्रक्रिया में शामिल थे। पुलिस अब इस गिरोह के और विस्तार और जमानत पाने वाले अपराधियों के बारे में जांच कर रही है।
इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने गिलियन-बैरे सिंड्रोम के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने इसके नियंत्रण के लिए विशेष उपायों की योजना बनाई है और लगातार निगरानी रखी जा रही है।