प्रयागराज: आस्था और श्रद्धा के महापर्व महाकुंभ में माघी पूर्णिमा स्नान के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी तेज हो गई है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम पहले ही प्रयागराज पहुंच चुकी है और मेला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. इस बार महाकुंभ में अब तक 48 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बन चुका है.
कल्पवासियों की विदाई, आस्था की निशानी साथ
माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ ही कल्पवासियों की विदाई भी शुरू हो गई है. एक महीने से संगम तट पर साधना कर रहे श्रद्धालु गंगा की पवित्र मिट्टी, गंगाजल और तुलसी का बिरवा अपने साथ ले जा रहे हैं. तंबू नगरी में सन्नाटा छाने लगा है, लेकिन जाते-जाते कल्पवासी गंगा मइया से अगले वर्ष फिर बुलाने की प्रार्थना कर रहे हैं.
चार विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना
मेला प्रशासन पहले से घोषित चार विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है. इनमें स्वच्छता अभियान, सबसे बड़ा भंडारा, अधिकतम दीप प्रज्वलन और सांस्कृतिक आयोजन शामिल हैं. शुक्रवार से इस अभियान की शुरुआत होगी, जिसमें लाखों श्रद्धालु और स्वयंसेवी संगठन भाग लेंगे.
महाकुंभ न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी महत्व रखता है. इस भव्य आयोजन को विश्व मंच पर पहचान दिलाने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. अब सभी की निगाहें आने वाले दिनों पर टिकी हैं, जब महाकुंभ एक नया इतिहास रचने जा रहा है.