7 जनवरी 2025 को सुबह 6:35 बजे (भारतीय समयानुसार) नेपाल-चीन सीमा के पास तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में 7.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इस भूकंप का केंद्र लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित था। बता दें कि भूकंप के झटके नेपाल, उत्तर भारत और विशेषकर बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए। नेपाल में काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में लोग भयभीत होकर घरों से बाहर निकल आए। भारत में बिहार के शिवहर जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिपोर्टों के अनुसार, तिब्बत में कम से कम 53 लोगों की मौत होने की खबर आई है, और कई घायल हुए हैं। भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य जारी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, हिमालय क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से सक्रिय है, क्योंकि भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों के बीच टकराव होता रहता है। इस क्षेत्र में भूकंपों की आवृत्ति और तीव्रता अधिक होती है। भूकंप के बाद, स्थानीय प्रशासन और राहत एजेंसियां प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों में जुट गई हैं। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। यह भूकंप नेपाल और उत्तर भारत में रहने वाले लाखों लोगों के लिए एक चेतावनी है कि भूकंप के प्रति सतर्कता और तैयारियां आवश्यक हैं। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को मिलकर भूकंप से संबंधित तैयारियों को मजबूत रखने कि जरुरत है। बता दें कि स्थानीय प्रशासन और राहत एजेंसियां प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों में जुट गई हैं। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।