
दिल्ली में सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चर्चाएं जोरों पर हैं. पार्टी राजधानी को ‘मिनी इंडिया’ के रूप में प्रदर्शित करने के उद्देश्य से नई कैबिनेट में दो उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रही है.
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश
भाजपा नेताओं का मानना है कि इस कदम से विभिन्न जातियों, समुदायों और क्षेत्रीय पृष्ठभूमि के विधायकों को समायोजित करने में मदद मिलेगी. पार्टी शासित मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी इसी रणनीति को अपनाया गया था, जिससे विभिन्न समुदायों को संतुलित प्रतिनिधित्व मिला. भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा.
रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होने की संभावना है. इस बैठक में सदन के नेता का चुनाव किया जाएगा. भाजपा की प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को ‘मिनी भारत’ की संज्ञा देते हुए इसे सांकेतिक महत्व दिया था.
सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने पर जोर
दिल्ली भाजपा के शीर्ष नेताओं का कहना है कि पंजाबी, सिख, पूर्वांचली, उत्तराखंडी, वैश्य और जाट समुदायों से आने वाले भाजपा नेता अब विधायक बन चुके हैं, जिन्हें सरकार में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. पार्टी इस समायोजन प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने के लिए उपमुख्यमंत्री पद का उपयोग कर सकती है.
सीएम पद के लिए कई नाम चर्चा में
मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में कई भाजपा नेताओं के नाम शामिल हैं, जिनमें प्रवेश वर्मा प्रमुख हैं, जिन्होंने नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराया था. इसके अलावा, दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय भी प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं. वरिष्ठ नेताओं में मनजिंदर सिंह सिरसा, पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय के नाम भी संभावित उम्मीदवारों में शामिल हैं.
जातीय समीकरण से होगा उपमुख्यमंत्री का चयन
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री किसी एक समुदाय से चुने जाते हैं, तो उपमुख्यमंत्री पद अन्य प्रमुख समुदायों को संतुलन प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. महिला, सिख, जाट और बनिया समुदायों ने भाजपा को भारी समर्थन दिया है, इसलिए इन वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.
दिल्ली वित्त आयोग का होगा गठन
रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा सरकार छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन करेगी, जो पिछले चार वर्षों से लंबित है. इस आयोग की अनुपस्थिति के कारण दिल्ली नगर निगमों की वित्तीय स्थिति खराब हो गई थी.
भाजपा सरकार की प्राथमिकताएं
दिल्ली के दक्षिणी क्षेत्र के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि भाजपा सरकार उपराज्यपाल के सहयोग से काम करेगी और दिल्ली को एक सुव्यवस्थित राजधानी बनाएगी. उन्होंने यमुना सफाई, सीवर सुधार और सड़क मरम्मत जैसे कार्यों को प्राथमिकता देने का वादा किया. भाजपा सरकार का उद्देश्य दिल्ली को न केवल प्रशासनिक रूप से बल्कि आधारभूत संरचना के लिहाज से भी एक आधुनिक राजधानी बनाना है.