दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए आरोपों का मजबूती से जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि उसे बदनाम करने के लिए जानबूझकर दबाव बनाने की एक रणनीति अपनाई जा रही है। आयोग ने स्पष्ट किया कि वह एक तीन सदस्यीय आयोग है और चुनावी प्रक्रिया में किसी प्रकार का पक्षपाती कार्य नहीं कर रहा है, जैसा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा आरोपित किया जा रहा है। आयोग ने यह भी कहा कि उसने संवैधानिक संयम बनाए रखते हुए इन आरोपों को बुद्धिमत्तापूर्वक और धैर्यपूर्वक सहन किया है और इससे कोई असर नहीं पड़ा है।
चुनाव आयोग ने एक पोस्ट में कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में 1.5 लाख से अधिक अधिकारी काम कर रहे हैं, जो चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इन अधिकारियों के कार्यों को मजबूत प्रक्रियाओं और मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) के तहत निगरानी की जा रही है। आयोग ने यह भी कहा कि चुनावी प्रक्रिया में कोई भी गड़बड़ी नहीं हो सकती है और सभी आरोपों का जवाब कार्रवाई के आधार पर दिया जा रहा है।
इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनाव आयोग के कार्यों पर सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा समर्थकों द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले को उठाया था, लेकिन पुलिस ने उल्टा आतिशी के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया। भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के बेटे के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी। मुख्यमंत्री आतिशी और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस कार्रवाई पर विरोध जताते हुए सवाल उठाए कि भाजपा के समर्थकों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही, जबकि उनके द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किया गया था। आतिशी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि रमेश बिधूड़ी के परिवार के सदस्य खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने पुलिस और चुनाव आयोग से शिकायत की, तो उल्टा उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया।
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग और पुलिस का रवैया पक्षपाती है और यह सत्ता पक्ष (भा.ज.पा.) के दबाव में आकर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आतिशी और अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग और पुलिस से निष्पक्ष और समान कार्रवाई की मांग की है, ताकि चुनावी प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और स्वतंत्र बनाया जा सके।
चुनाव आयोग के इस बयान के बाद राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में एक नई चर्चा को जन्म दिया है, जहां राजनीतिक पार्टियां आरोप-प्रत्यारोप के बीच अपनी-अपनी स्थिति को मजबूती से पेश करने की कोशिश कर रही हैं। चुनाव आयोग द्वारा दी गई सफाई के बावजूद, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और यह चुनावी प्रक्रिया पर असर डालने की संभावना जताई जा रही है।