दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अमानतुल्लाह खान को 24 फरवरी तक अंतरिम संरक्षण प्रदान किया।
श्री खान ने 10 फरवरी को जामिया नगर में पुलिस टीम पर कथित रूप से हमला किया था।
सांसद/विधायक मामलों के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकील की ओर से दलीलें सुनने के बाद कहा, ‘यह अदालत इस बात पर विचार कर रही है कि आवेदक ने सुनवाई की अगली तारीख तक अंतरिम संरक्षण के लिए मामला बनाया है। इस बीच आवेदक को जांच अधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार जांच में शामिल होने का निर्देश दिया जाता है।’
अदालत ने आगे कहा, ‘जांच अधिकारी को घटना स्थल के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने और आरोपों की प्रकृति और गंभीरता का निर्धारण करने के लिए प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है। अगली सुनवाई की तारीख तक आवेदक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। 24 फरवरी 2025 को सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।’
पुलिस ने आरोप लगाया है कि पुलिस टीम एफआईआर संख्या 11/2018 के संबंध में आरोपी शाहवेज खान की गिरफ्तारी के लिए 10 फरवरी को दोपहर 03:00 बजे घटनास्थल पर पहुंची। आरोपी की गिरफ्तारी के समय आवेदक 20 से 25 व्यक्तियों के साथ मौके पर पहुंचा और आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन में बाधा उत्पन्न करना शुरू कर दिया जिसके परिणामस्वरूप हाथापाई हुई। यह भी आरोप लगाया गया है कि आवेदक अपने सहयोगियों के साथ मिलकर आरोपी शाहवेज खान को मौके से ले गया। उपर्युक्त आरोपों पर भारतीय नागरिक संहिता, 2023 की धाराओं के तहत पुलिस स्टेशन जामिया नगर, नई दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई।
श्री अमानतुल्लाह के वकील ने कहा कि पुलिस टीम की दुर्भावनापूर्ण मंशा इस तथ्य से पता चलती है कि वे शाहवेज खान को गिरफ्तार करने गए थे जो पहले से ही अग्रिम जमानत पर था। वकील ने आगे कहा कि आवेदक ओखला निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा का मौजूदा सदस्य है। इसलिए आवेदक द्वारा भागने या कानून की प्रक्रिया से बचने की कोई आशंका नहीं हो सकती। यह भी कहा गया कि आवेदक जांच अधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार जांच में शामिल होने के लिए तैयार है। वकील ने अदालत से प्रार्थना की कि अमानतुल्लाह की वर्तमान अग्रिम जमानत को अनुमति दी जाए।
अभियोजन पक्ष ने अग्रिम जमानत का विरोध इस आधार पर किया कि आगे की जांच के लिए आवेदक से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। इसलिए आवेदक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाए।
अदालत ने कहा, ‘आदेश पत्र से पता चलता है कि 18 जुलाई 2018 के आदेश के तहत आरोपी शाहवेज खान को एफआईआर संख्या 11/2018 के संबंध में 19.07.2018 को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया गया था और अंतरिम संरक्षण भी दिया गया था।’
अदालत ने आगे कहा, ‘इसके बाद उक्त आरोपी ने 30 जुलाई 2018 को अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की।’
अदालत ने कहा, ‘पुलिस टीम का यह आरोप कि आवेदक ने आरोपी शाहवेज खान को भागने में मदद की, वजनदार नहीं लगता है क्योंकि शाहवेज खान पहले से ही उस मामले में अग्रिम जमानत पर था जिसमें कथित तौर पर पुलिस उसे गिरफ्तार करने गई थी।’
अदालत ने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि ऊपर उल्लिखित कोई भी बात मामले के गुण-दोष पर राय व्यक्त करने के समान नहीं होगी।’