बांग्लादेश, जो कभी दक्षिण एशिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार था, वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। बढ़ते बाहरी कर्ज, राजनीतिक अस्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं ने देश की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर दिया है। इस संकट से उबरने के लिए भारत ने बांग्लादेश को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है, लेकिन चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं।
भारत ने बांग्लादेश को 8 अरब डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान की है, जिससे कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। इनमें सड़क, रेलवे, सिंचाई, शिपिंग और बंदरगाह विकास शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भारत ने हाल ही में बांग्लादेश को 2 लाख टन चावल निर्यात करने का निर्णय लिया है, जिसमें से 27,000 टन की पहली खेप चटगांव बंदरगाह के माध्यम से पहुंच चुकी है। आपको बता दें कि यह सहायता बांग्लादेश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
बांग्लादेश का बाहरी कर्ज जून 2024 तक 103.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जिससे देश की आर्थिक स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है। बढ़ती महंगाई और बिजली की कीमतों में वृद्धि ने स्थिति को और मुश्किल बना दिया है। बांग्लादेश की मुद्रा टका में गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी ने आयात और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को प्रभावित किया है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए बांग्लादेश को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से तत्काल 5 अरब डॉलर की सहायता की आवश्यकता है।
हाल ही में बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसक प्रदर्शनों ने आर्थिक संकट को बढ़ दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद, अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया जारी है, लेकिन लोकतंत्र की बहाली की उम्मीदें धूमिल होती दिख रही हैं। इस राजनीतिक अस्थिरता ने निवेशकों के विश्वास को कमजोर किया है और व्यापारिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति भारत के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। भारत ने बांग्लादेश की सहायता के लिए अपने हाथ बढ़ाए हैं, लेकिन बांग्लादेश को अपनी आंतरिक नीतियों में सुधार, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग प्राप्त कर आर्थिक सुधारों को गति देनी होगी, ताकि देश पुनः विकास की राह पर लौट सके।