उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित माणा क्षेत्र में हिमस्खलन की वजह से फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। मौसम के खुलने के बाद से माणा में बचाव अभियान तेज कर दिया गया है, जिसमें भारतीय सेना, आईटीबीपी, वायुसेना, और जिला प्रशासन के अधिकारी जुटे हुए हैं। हालांकि बर्फबारी और बारिश के कारण कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि किसी भी मजदूर के हताहत होने की खबर नहीं है। उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने जानकारी दी कि पहले हेली में कुछ जवानों को लेकर रेस्क्यू अभियान की शुरुआत की गई और सुबह तक 14 मजदूरों को बचा लिया गया। वहीं, गंभीर रूप से घायल मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुल 14 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया। 8 मजदूरों की तलाश की जा रही है, जो बर्फ में दबे हुए हैं। घटनास्थल से सूचनाएं मिल रही हैं कि एक कंटेनर पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है, जिसमें कुछ मजदूर फंसे हो सकते हैं। राहत बचाव अभियान में आईटीबीपी, सेना, वायुसेना और एसडीआरएफ के जवान शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मोर्चा संभालते हुए सभी प्रमुख अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा है, और मुख्यमंत्री कार्यालय लगातार इस घटनाक्रम की अपडेट ले रहा है। चमोली के डीएम संदीप तिवारी और एसपी सर्वेश पंवार घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं, और जोशीमठ पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस आपदा से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू अभियान को और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए हवाई मदद की आवश्यकता हो सकती है, और इसके लिए माणा हेलिपैड को सक्रिय किया जा रहा है। सरकार की प्राथमिकता अब मजदूरों को सुरक्षित निकालने की है। ड्रोन के जरिए स्थिति की निगरानी की जा रही है, और घटनास्थल की ताजा जानकारी प्राप्त की जा रही है। विशेषज्ञों की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है, और हर संभव प्रयास किया जा रहा है ताकि किसी भी मजदूर की जान को खतरा न हो। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकाले जाएं। हम केंद्र सरकार के संपर्क में हैं और सभी एजेंसियों से मदद ले रहे हैं। बचाव कार्य में आईटीबीपी, सेना, वायुसेना और जिला प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से तैयार है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही बाकी फंसे मजदूरों को भी सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।