दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के बाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैग रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से जुड़े कई अहम खुलासे हुए हैं, जिनमें शराब लाइसेंस के वितरण में गड़बड़ियों, राजनीतिक हस्तक्षेप और भाई-भतीजावाद के आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार को इस नीति से 2000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और शराब बिक्री का कमीशन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया। इस मुद्दे पर विधानसभा में विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं।
दिल्ली सरकार की शराब नीति पर सवाल, कैग रिपोर्ट से सामने आए गंभीर आरोपदिल्ली विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट में शराब नीति के तहत कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि नई नीति के तहत शराब लाइसेंस देने में नियमों का उल्लंघन किया गया और बिना किसी जांच के लाइसेंस दिए गए। कैग ने शराब वितरक और निर्माता कंपनियों को थोक लाइसेंस देने की प्रक्रिया को गलत बताया। इसके अलावा, शराब बिक्री के कमीशन में भारी वृद्धि की भी आलोचना की गई। विपक्षी नेताओं ने इस रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाई है।
दिल्ली शराब नीति पर कैग रिपोर्ट का बड़ा खुलासा, राजनीतिक दखल और भाई-भतीजावाद के आरोप
दिल्ली विधानसभा में आज पेश की गई कैग रिपोर्ट में नई शराब नीति के तहत होने वाली गड़बड़ियों का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, शराब लाइसेंस देने में राजनीतिक हस्तक्षेप और भाई-भतीजावाद जैसी गंभीर बातों का जिक्र किया गया है। कैग ने यह भी कहा कि शराब वितरण में निजी कंपनियों को रिटेल लाइसेंस देने से पहले कोई आर्थिक या आपराधिक जांच नहीं की गई, जो कि नीति के उल्लंघन के रूप में देखा जा सकता है। इस पर विधानसभा में सियासी दलों के बीच तीखी बहस हो रही है।
भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली ने शराब घोटाले पर उठाए सवाल, क्या दिल्ली सरकार को जवाब मिलेगा?
दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली ने शराब नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या भगत सिंह ने कभी यह कहा था कि “शराब घोटाले करके जेल जाओ”? उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सरकार की नीतियों की आलोचना की और कहा कि दिल्ली सरकार ने न केवल शराब नीति में धांधली की है, बल्कि स्कूलों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी घोटाले किए हैं। लवली ने पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री द्वारा एक गैर-मौजूद विभाग के मंत्री बनाए जाने का भी जिक्र किया, जिससे सरकार की नीयत पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कैग रिपोर्ट में शराब नीति के खिलाफ गंभीर आरोप, दिल्ली सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ीं
दिल्ली विधानसभा के सत्र में पेश की गई कैग रिपोर्ट में नई शराब नीति के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब लाइसेंस के वितरण में भारी अनियमितताएं थीं और इससे सरकार को 2000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है और इसे चुनावी राजनीति से जोड़ते हुए सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। कैग ने बताया कि सरकार ने शराब लाइसेंस देने में किसी भी तरह की जांच को अनदेखा किया, जिससे भ्रष्टाचार के आरोप और मजबूत हो गए हैं।
दिल्ली विधानसभा में कैग रिपोर्ट पर तकरार, क्या शराब नीति में बदलाव होगा?
दिल्ली विधानसभा में आज पेश की गई कैग रिपोर्ट ने शराब नीति में घोटाले के आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार ने शराब लाइसेंस वितरण में नियमों का उल्लंघन किया और राजनीतिक दखल के कारण निजी कंपनियों को लाइसेंस दिया। इसके अलावा, शराब बिक्री के कमीशन को बढ़ाकर 12 फीसदी करने का निर्णय भी सवालों के घेरे में है। विपक्षी नेताओं ने इसे सरकार के भ्रष्टाचार का हिस्सा बताते हुए इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
दिल्ली शराब नीति पर विपक्ष का हमला, कैग रिपोर्ट ने उठाए कई गंभीर सवाल
दिल्ली विधानसभा में आज पेश की गई कैग रिपोर्ट में शराब नीति से जुड़े कई बड़े खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि नई नीति के तहत शराब लाइसेंस देने की प्रक्रिया में घोटाले की संभावना है, जिसमें राजनीतिक दखल और भाई-भतीजावाद की आंशका जताई गई है। कैग रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शराब लाइसेंस देने से पहले किसी भी कंपनी की आर्थिक या आपराधिक जांच नहीं की गई। विपक्षी नेताओं ने इस रिपोर्ट को लेकर सरकार को घेरते हुए कार्रवाई की मांग की है।