महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर संगम तट पर भक्तों का महासंगम देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक संगम स्नान करेंगे. उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे. भूटान नरेश का आगमन सुबह 10:10 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर होगा, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे. इसके बाद हेलिकॉप्टर से अरैल पहुंचकर वे क्रूज द्वारा किला घाट जाएंगे और फिर संगम में डुबकी लगाएंगे.
महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था की लहर
महाकुंभ के तीसरे और अंतिम शाही स्नान के दौरान अब तक 2.57 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. अब तक कुल 37.54 करोड़ भक्त महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं. वसंत पंचमी के पावन दिन, जब पूरे विश्व ने एकता के इस महायज्ञ को देखा, तब लाखों श्रद्धालुओं ने संगम तट पर पुण्य लाभ अर्जित किया.
हनुमान मंदिर में करेंगे पूजा-अर्चना
संगम स्नान के पश्चात भूटान नरेश अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे. इसके बाद वे डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र का अवलोकन करेंगे और त्रिवेणी शंकुल की यात्रा करेंगे. उनका विदाई समारोह दोपहर 2:30 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर होगा, जहां से वे विशेष विमान से प्रस्थान करेंगे.
सीएम योगी प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारियों का लेंगे जायजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित संगम स्नान कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. इसके अलावा 10 फरवरी को प्रस्तावित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन को लेकर भी वे व्यवस्था परखेंगे. महाकुंभ की भव्य तैयारियों के मद्देनजर मुख्यमंत्री का यह दौरा अहम माना जा रहा है. मंगलवार को वे लगभग सात घंटे महाकुंभ नगर में रहकर सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे.
महाशिवरात्रि तक धर्मध्वजा रहेगी कायम, विदाई की शुरू हुई प्रक्रिया
महाकुंभ में अंतिम अमृत स्नान के साथ अखाड़ों की विदाई की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. परंपरा के अनुसार, छावनी में कढ़ी-पकौड़ी के पारंपरिक भोग के बाद साधु-संत काशी प्रस्थान करेंगे. सबसे पहले शैव अखाड़े के संन्यासी विदा लेंगे, इसके बाद अनी और उदासीन अखाड़ों के संत प्रस्थान करेंगे. हालांकि, महाशिवरात्रि के बाद ही धर्मध्वजा उतारी जाएगी. अब अगली बार अखाड़ों का संगम हरिद्वार अर्धकुंभ में होगा.
12 फरवरी को माघी पूर्णिमा स्नान
महाकुंभ के पावन स्नान की श्रृंखला में अगला प्रमुख स्नान 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर होगा. इस दिन संगम तट पर एक और विराट जनसैलाब उमड़ने की संभावना है. धर्म, आस्था और श्रद्धा के इस महासंगम में पूरा विश्व सनातन संस्कृति के रंग में रंगता नजर आएगा.